सत्ता के नशे में उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा, साफ था कि उनके दिमाग में सबसे सहमति बनाकर पूर्ण राज्य के दर्जे की बात नहीं थी-विजय गोयल

दिल्ली के विकास में पूर्ण राज्य बाधक नहीं है, अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए पूर्ण राज्य का राग अलाप रहे केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल पहले कभी नहीं चाहते थे और अब चाहते हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, उन्होंने हर वह कोशिश की जिससे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलता भी हो तो भी न मिले,  गालियां देना, झूठे आरोप लगाना और फिर सजा से बचने के लिए माफी मांग लेना यह एक गंभीर मुख्यमंत्री की निशानी नहीं है। जिस आम आदमी पार्टी ने पूरे देश भर में पूरे सांसद भी खड़े न किये हों, और जिनमें से ज्यादातर की जमानत जब्त होने के आसार हों, वह दिल्ली की जनता के साथ अपने घोषणा-पत्र में झूठे वादे करे तो उस पर मुकदमा तो चलना चाहिए। दिल्ली की जनता से अपील की है कि सातों सीट भाजपा को जिता कर केजरीवाल से मुक्ति दिलाओं। केजरीवाल सरकार के पास स्कूल बनाने के लिए 82 प्लाट हैं लेकिन शिक्षा के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने वाली आम आदमी पार्टी ने एक भी नया स्कूल नहीं बनाया।
 1100 करोड़ रूपये ग्रीन सेस के नाम पर दिल्ली के लोगों से वसूले गये लेकिन जानलेवा प्रदूषण से निपटने के लिए केजरावाल सरकार ने एक भी नई इलैक्ट्रिक बस नहीं खरीदी। केजरीवाल सरकार के पास 52 हजार पक्के मकान बने हुये तैयार हैं लेकिन केजरीवाल ने गरीब विरोधी मानसिकता के कारण एक भी मकान किसी भी झुग्गी निवासी को नहीं दिया।
दिल्ली की जनता केजरीवाल द्वारा फैलाये जा रहे पूर्ण राज्य के दर्जे के भ्रम में नहीं आने वाली है।
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री श्री विजय गोयल ने आज प्रदेश कार्यालय पर आम आदमी पार्टी द्वारा पूर्ण राज्य के नाम पर दिल्ली की जनता को गुमराह करने को लेकर प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में दिल्ली प्रदेश के महामंत्री श्री राजेश भाटिया, प्रदेश मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा एवं प्रवक्ता श्री अश्वनी उपाध्याय उपस्थित थे।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये केन्द्रीय मंत्री श्री विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली में लोक सभा चुनाव में सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी एक ही मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है वह है दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा। मैं साफ तौर से कहना चाहता हॅूं कि अरविंद केजरीवाल पहले कभी नहीं चाहते थे और अब चाहते हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। उन्होंने हर वह कोशिश की जिससे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलता भी हो तो भी न मिले। ताकि वो जनता के बीच में यह कह सकें कि हमारी दिल्ली सरकार इसलिए फेल हो गई और काम नहीं कर पाई क्योंकि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं था। आज दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या खुद केजरीवाल हैं। केजरीवाल ने सिपाही से लेकर प्रधानमंत्री तक और मोदी सरकार को मोटी-मोटी गालियां दी। सिपाही को ठुल्ला, तो प्रधानमंत्री को साइकोफैंट यानी मनोरोगी भी कहा। नीचे से उपर, सिपाही, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी अधिकारी, मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, एलजी, एफएम, हरियाणा पंजाब के मुख्यमंत्री और पीएम, सत्ता के नशे में उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा, साफ था कि उनके दिमाग में सबसे सहमति बनाकर पूर्ण राज्य के दर्जे की बात नहीं थी। गालियां देना, झूठे आरोप लगाना और फिर सजा से बचने के लिए माफी मांग लेना यह एक गंभीर मुख्यमंत्री की निशानी नहीं है। 2015 में चुनाव जीतने के बाद जब दिल्ली को लंदन-पेरिस बनाने की बात कर रहे थे तब उन्हें मालूम नहीं था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा भी नहीं है? लोकपाल के विषय पर 49दिन की सरकार से इस्तीफा दे दिया।  जब उन्हें पता था कि पूर्ण का दर्जा न होने के कारण वे काम नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे देते कोई दूसरी सरकार केन्द्र के सहयोग से अच्छा काम करती।
श्री विजय गोयल ने कहा कि केजरीवाल का हठ, और अपने-आप को प्रधानमंत्री से कम नहीं समझने के कारण दिल्ली का बहुत नुकसान हुआ है। रिपब्लिक डे परेड में, अपने मंत्री सोमनाथ भारती,  जिनके खिलाफ एक विदेशी महिला के आपराधिक मामले में पुलिस द्वारा मामला दर्ज हुआ तो उन्हांने कहा कि वह रिपब्लिक डे की परेड को रोक दूंगा और धरने पर बैठ गये। इनके पास पुलिस और पूर्ण राज्य का दर्जा होता तो क्या करते। पहले कहते थे अफसर ईमानदार हैं, नीयत अच्छी हो तो काम लिया जा सकता है। और कहते थे, ट्रांसफर-पोस्टिंग में बहुत भ्रष्टाचार है और अब यही ट्रासंपर-पोस्टिंग का विभाग लेना चाहते हैं। जब प्रदूषण को लेकर ऑड-ईवन आरम्भ किया गया तब पार्लियामैंट सैशन में थी तब जजों को तो इससे एग्जैम्पट कर दिया गया पर सांसदों को नहीं। क्योंकि ये पार्लियामेंट के उपर भी अपनी सुपरमैसी दिखाना चाहते थे। अब आप ही बताईए ऐसे व्यक्ति को क्या यह संसद संविधान सशोधन करके अधिकार देना चाहेगी।
श्री विजय गोयल ने कहा कि जिस पार्टी के देश भर में चार एम पी हों, उसमें से भी दो छोड़ गये हों और जिस पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए दो तिहाई सांसद लोक सभा और राज्य सभा में चाहिए हो यानि कि 362 और 165 और जिस केजरीवाल पार्टी के साथ एक भी पार्टी नहीं खड़ी हो, यहां तक कि जिसके साथ फेरे लेने के लिए गठबंधन कर रहे थे, वह कांग्रेस भी नहीं, तो आप समझ सकते हैं कितना बड़ा झूठ दिल्ली की जनता के साथ करोड़ों रूपये के विज्ञापन खर्च करके केजरीवाल बोल रहे हैं कि वह दिल्ली की जनता से पूर्ण राज्य के दर्जे का वादा करते है। जिस आम आदमी पार्टी ने पूरे देश भर में पूरे सांसद भी खड़े न किये हों, और जिनमें से ज्यादातर की जमानत जब्त होने के आसार हों, वह दिल्ली की जनता के साथ अपने घोषणा-पत्र में झूठे वादे करे तो उस पर मुकदमा तो चलना चाहिए। जब पिछली बार पूर्ण राज्य का वादा पूरा नहीं कर पाये तो अबकि बार कैसे करेंगे। भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसने दिल्ली के लिए संघर्ष किया और दिल्ली की विधान सभा भी भाजपा के कारण ही बनी। केजरीवाल ने दिल्ली के लिए कभी संघर्ष नहीं किया। केजरीवाल दिल्ली से बाहर अपने के कार्यकर्ताओं से अपील कर रहे हैं कि वे दिल्ली आ कर काम करें पर जब अस्पतालों में बाहर के लोगों के इलाज की बात आती है तो केजरीवाल कहते हैं कि हम दिल्ली के बाहर के लोगों का इलाज नहीं करेंगे। खुद केजरीवाल दिल्ली के बाहर से हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद ही दिल्ली में आए हैं । वे दिल्ली का दर्द क्या जानेंगे।
श्री विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा हम इसलिए चाहते हैं कि दिल्ली में अगर इस कारण से कोई विकास नहीं हो पा रहा हो तो वह विकास हो।  दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे के मामले में केजरीवाल साहब ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। नहीं तो वह दिल्ली के विधायकों, एम सी डी, सातों सांसदों और दूसरे सभी दलों के सांसदों से भी बातचीत करते। केजरीवाल आज जो बहाना ले रहे हैं, वे बताएं पूर्ण राज्य का दर्जा पानी, बिजली, हवा, ट्रैफिक, स्कूल, अस्पताल, बसों, प्रदूषण, अवैध कालोनियों के नियमितिकरण में कहां रूकावट है।
श्री विजय गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास स्कूल बनाने के लिए 82 प्लाट हैं लेकिन शिक्षा के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने वाली आम आदमी पार्टी ने एक भी नया स्कूल नहीं बनाया। 1100 करोड़ रूपये ग्रीन सेस के नाम पर दिल्ली के लोगों से वसूले गये लेकिन जानलेवा प्रदूषण से निपटने के लिए केजरावाल सरकार ने एक भी नई इलैक्ट्रिक बस नहीं खरीदी। केजरीवाल सरकार के पास 52 हजार पक्के मकान बने हुये तैयार हैं लेकिन केजरीवाल ने गरीब विरोधी मानसिकता के कारण एक भी मकान किसी भी झुग्गी निवासी को नहीं दिया। दिल्ली सरकार को एशियन डव्लप्मेंट बैंक ने 2200 करोड़ रूपये दिल्ली के विकास कार्यों के लिए दिये और 2000 करोड़ रूपये जेपनीज फाइनेंसियल काॅरपोरेशन ने जल व्यवस्था को दिल्ली में सुचारू रूप से जारी रखने के लिए दिये। जिसमें से दिल्ली के विकास पर एक रूपया भी केजरीवाल ने खर्च नहीं किया। केजरीवाल जवाब दे कि दिल्ली में इन सभी कामों को करने के लिए दिल्ली के पूर्ण राज्य होने की जरूरत नहीं है।
श्री विजय गोयल ने कहा कि चार साल इन्होंने गली-गलौच, आलोचनाएं, अराजकता और कोर्ट में मुकदमों में निकाल दिये और अब जबकि सुप्रिम कोर्ट ने केन्द्र और राज्यों में कामों और अधिकारों का बटवारा कर दिया तब ये पूर्ण राज्य के दर्जे का राग अलाप रहे हैं। मतदाताओं को रिझाने के लिए कितना झूठ बोला जा सकता है, यह इनका घोषणा-पत्र कहता है। खिसियानी बिल्ली खम्बा नौंचे, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गलत टिप्पणियां करी और इस पर ट्वीट भी किया और तब से मोदी जी और मोदी सरकार को कोस रहे हैं। दिल्ली की जनता से अपील की है कि सातों सीट भाजपा को जिता कर केजरीवाल से मुक्ति दिलाओं।
प्रदेश महामंत्री श्री राजेश भाटिया ने कहा है कि दिल्ली के लोकसभा चुनाव में भाजपा को दिन प्रति दिन चुनावी बढ़त मिल रही है। दिल्ली की जनता केजरीवाल द्वारा फैलाये जा रहे पूर्ण राज्य के दर्जे के भ्रम में नहीं आने वाली है। जनता से संकल्प ले लिया है कि श्री नरेन्द्र मोदी को पुनः प्रधानमंत्री बनाने के लिए दिल्ली की सभी सातों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को भारी बहुमत से विजयी बनायेंगे।
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