सावन का पावन महीना गुरुवार से शुरू हो रहा है। सावन के शुरू के दिन ही कांवड़ियों के जत्थे हरिद्वार, ऋषिकेश और गंगोत्री के लिए प्रस्थान करने लगेंगे।
इस बार गाजियाबाद जिला प्रशासन भी कांवड़ मेले को लेकर अधिक गंभीर है। जिसके तहत कावड़ यात्रा में सुरक्षा को लेकर तमाम तरह की तैयारी की जा चुकी है। जिला प्रशासन की तरफ से यात्रा की निगरानी के लिए 500 सीसीटीवी कैमरे और 100 वाट टावर लगाने का निर्णय लिया है।
सावन के महीने में हर साल करीब 2 करोड़ से भी ज्यादा कावड़िए गाजियाबाद से होकर अपने गंतव्य तक जाते हैं। लेकिन 2 साल कोरोना के कारण कावड़ यात्रा रद्द हुई। इसलिए इस साल कावड़ियों की 4 गुना से भी अधिक भीड़ होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
सुरक्षा की दृष्टि से मेरठ के परतापुर से मुरादनगर और मुरादनगर से पाइपलाइन मार्ग, मुरादनगर से मेरठ तिराहा, मेरठ तिराहा से यूपी गेट, मेरठ तिराहा से महाराजपुर बॉर्डर और मेरठ तिराहा से सीमापुरी बॉर्डर, मेरठ चौराहा से भोपुरा बॉर्डर यानी इन 7 मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे और वॉच टावर स्थापित किए जाएंगे।
नोडल अधिकारी ने बताया कि कावड़ यात्रा वाले रूट पर 25 ड्रोन कैमरे के माध्यम से यात्रा पर निगरानी की जा सकेगी। कावड़ यात्रा के रूट में आने वाले हर थाना क्षेत्र में दो से तीन ड्रोन कैमरे 24 घंटे निगरानी करेंगे। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर पूरा प्लान तैयार हो चुका है। यात्रा सुरक्षित व शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराई जाएगी।