-सदर अस्पताल में डॉक्टरों और एएनएम को दी गई जानकारी
-अरबन पीएचसी के प्रभारी और एएनएम प्रशिक्षण में हुईं शामिल
भागलपुर- सदर अस्पताल के विक्टोरिया भवन में बुधवार को कायाकल्प और एनक्वास (नेशनल क्वालिटी स्टैंडर्ड) की तैयारी को लेकर सभी आठ अरबन पीएचसी के प्रभारियों और एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा, डीएचएस के डॉ. प्रशांत कुमार, केयर इंडिया के डीटीओ फैसिलिटी डॉ. राजेश मिश्रा, दयानंद मिश्र मौजूद थे। कायाकल्प और एनक्वास को लेकर प्रशिक्षण देने का काम डॉ. प्रशांत और डॉ. राजेश मिश्रा ने किया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रभारियों और एएनएम को बताया गया कि कायाकल्प के निरीक्षण की तैयारी किस तरह से करनी है। साफ-सफाई से लेकर ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम को किस तरह से व्यवस्थित करनी है, इस बारे में जानकारी दी गई। मालूम हो कि कायाकल्प को लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों का जल्द ही निरीक्षण होना है। सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने बताया कि पिछली बार कायाकल्प में भागलपुर के 11 प्रखंड के अस्पतालों और 6 शहर के अस्पतालों ने बेहतर किया था। इस बार भी बेहतर करने की उम्मीद है।
साथ ही एनक्वास को लेकर भी बेहतर तैयारी करनी है। एनक्वास में बेहतर करने पर जिले के अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ जाएंगी। इसका लाभ अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ-साथ यहां काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को भी होगा। डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि पिछले बार तो बेहतर अंक मिला था, इस बार कैसे बेहतर करना है, इस बारे में बताया गया। खासकर लेबर रूम और ओटी की व्यवस्था मानक के मुताबिक कैसी होनी चाहिए। जहां भी सुधार की गुंजाइश है, उस बारे में ध्यान दिलाया गया।
इसके साथ-साथ अब एनक्वास की विजिट पर भी फोकस करने पर ध्यान देने के लिए कहा गया। कुल मिलाकर कायाकल्प को लेकर जिले के अस्पतालों की तैयारी अच्छी है, लेकिन एनक्वास की विजिट को लेकर अभी और बेहतर तरीके से तैयारी करनी है, इस बारे में बताया गया।एनक्वास पर किया जाएगा फोकसः डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि जिले के अस्पताल लक्ष्य और कायाकल्प में पहले से बेहतर प्रदर्शन करते आ रहे हैं।
अब एनक्वास पर फोकस करना होगा। प्रशिक्षण के दौरान कही गई बातों को अमल में लाने के लिए सभी अस्पतालों के प्रभारियों और एएनएम को कहा गया है। सभी अरबन पीएचसी की सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे और बेहतर किया जाएगा, ताकि कायाकल्प और एनक्वास के मानकों पर भी अस्पताल खरा उतरे। इससे अच्छी रैंकिंग मिलेगी और अस्पताल की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।