– घर-घर जाकर की जा रही है मरीजों की खोज, दी जा रही है चिकित्सा परामर्श – आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से मरीजों की खोज
शेखपुरा-
पूरे प्रदेश में कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिले के खासकर कालाजार प्रभावित गाँवों में बीते शुक्रवार से ही सघन मरीज खोज अभियान अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से घर-घर जाकर मरीजों की खोज की जा रही है।
इस दौरान संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता अपने-अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर मरीजों की खोज कर रहीं और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी से अवगत करा रही हैं। साथ ही इस बीमारी के शुरुआती लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि ऐसे मरीज शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर समय पर अपना इलाज शुरू करा इस बीमारी को आसानी से मात दे सकें ।
– घर-घर जाकर की जा रही है मरीजों की खोज : वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया, शुक्रवार से जिले में घर-घर कालाजार मरीज खोज अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा मरीजों की पहचान कर उन्हें इलाज कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि संबंधित मरीजों का समय पर इलाज शुरू हो सके और बीमारी को आसानी से मात दी जा सके। वहीं, उन्होंने बताया, इसके अलावा लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया, इस दौरान खासकर कालाजार प्रभावित क्षेत्र में विशेष रूप से अभियान चलाया जा रहा है।
– सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध : कालाजार मरीजों के जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है।
मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्हें दी जायेगी। साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रूपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है।
15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
– कालाजार के लक्षण :- लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना, वजन में लगातार कमी होना, दुर्बलता, व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है, प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल : – छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।- छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।