– यहां प्रखंडों से रेफर फाइलेरिया रोगियों के बेहतर इलाज और चिकित्सकीय सलाह के लिए मौजूद रहेंगे चिकित्सक
– डब्ल्यूएचओ के जोनल कॉर्डिनेटर डॉ. एस, एजहिलारसर ने एमएमडीपी से जुड़ी तमाम तकनीकी पहलुओं की दी जानकरी
मुंगेर-
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला भर में मौजूद फाइलेरिया रोगियों के बेहतर इलाज और चिकित्सकीय सलाह के लिए बहुत ही जल्द जिला मुख्यालय स्थित जिला फाइलेरिया कार्यालय परिसर में जिलास्तरीय मॉर्बिडीटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) क्लीनिक शुरू किया जाएगा। जहां मौजूद चिकित्सक जिला भर के अधिकतम प्रभावित प्रखंडों से रेफर किए गए फाइलेरिया रोगियों की जांच, इलाज और चिकित्सकीय सलाह देंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्रखण्ड स्तर पर कार्यरत पीएचसी या सीएचसी परिसर में एमएमडीपी क्लीनिक बनाकर फाइलेरिया विशेषज्ञ चिकित्सक के द्वारा स्थानीय स्तर पर ही रोगियों को जांच, इलाज के साथ- साथ चिकित्सकीय सलाह उपलब्ध कराई जाएगी।
मुंगेर के डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजिज कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विगत 7 से 21 जुलाई तक राज्य के छह ज़िलों दरभंगा, लखीसराय, नवादा, नालंदा, रोहतास और समस्तीपुर में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) चलाया गया। पिछले दिनों राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में जिला स्तर पर एमएमडीपी क्लीनिक बनाए जाने के साथ ही कई आवश्यक निर्देश दिए गए।
उन्होंने बताया कि कार्यपालक निदेशक के निर्देशानुसार मुंगेर सहित सभी जिलों में हैड्रोसेलेक्टोनोमी को प्रमुखता से लागू करने और लाइन लिस्टिंग एवम बैकलॉग केस को जल्द से जल्द से पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही अगले छह महीने में कैम्प लगाकर मिशन मोड़ में कम से कम 70 फीसदी लाभार्थियों का ऑपरेशन कराकर उन्हें हाइड्रोसील की परेशानी से मुक्त किया जाएगा। मुंगेर के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि नेशनल सेंटर फ़ॉर वेक्टर बोर्न डिजिज कंट्रोल (एनसीवीबीडीसी) नई दिल्ली के द्वारा दिये गए गाइड लाइन के आधार पर तत्काल नाइट ब्लड सर्वे की गतिविधि प्रारम्भ की जाएगी।
इसके साथ ही फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के सन्दर्भ सही जानकारी पहुंचाने के लिए बिहार के ही सुप्रसिद्ध अभिनेता मनोज वाजपेयी के साथ विकसित वीडियो मैसेज सहित अन्य आईईसी मैटेरियल की मदद से जनमानस में फाइलेरिया बीमारी के संक्रमण से बचने और उसके उपचार के लिए किए जाने वाले उपाय के बारे में जागरूक किया जाएगा।
डब्ल्यूएचओ के जोनल कॉर्डिनेटर डॉ. एस, एजहिलारसर ने एमएमडीपी से जुड़ी तमाम तकनीकी पहलुओं की दी जानकारी: डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसलटेंट पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि शुक्रवार को जिला फाइलेरिया कार्यालय में डब्ल्यूएचओ के जोनल कॉर्डिनेटर डॉ. एस, एजहिलारसर ने डॉ. संतोष कुमार सहित धरहरा और बरियारपुर से आये वेक्टर बोर्न डिजीज ऑफिसर व फाइलेरिया विभाग के स्टाफ और अन्य फील्ड स्टाफ को एमएमडीपी क्लीनिक में आने वाले फाइलेरिया रोगियों की जांच के लिए फाइलेरिया के विभिन्न सात स्टेज, उपचार की प्रकिया, एक्सरसाइज सहित कई महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियों के साथ एक्सरसाइज का डेमो भी दिया।
इस दौरान उन्होंने लिम्फेटिक फ्लेरिसिस (एलएफ), प्रीडोमिनिएटली लिम्फेडेमा, एलिफिएंटीएसिस (हाथी पांव) और हाइड्रोसील के बारे में विस्तार से सभी तकनीकी पहलुओं और एमएमडीपी किट में होने वाले दवा सहित अन्य सामग्री और उसके इस्तेमाल के बारे में विस्तार पूर्वक डेमो के साथ जानकारी दी। इस अवसर पर केयर इंडिया के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रामिंग ऑफिसर (वीएल) ओम प्रकार नायक, सीफार के डिवीजन कोऑर्डिनेटर मीडिया जय प्रकाश कुमार, डॉ. सन्तोष कुमार, डिस्ट्रिक्ट फाइलेरिया ऑफिस के कई स्टाफ और फील्ड वर्कर उपस्थित थे।