– ‘स्तनपान के लिए कदम: शिक्षित और समर्थन’ की थीम पर गर्भवती व धातृ महिलाओं को किया जा रहा है जागरूक
– जमालपुर प्रखंड के इटहरी एचडब्ल्यूसी में विश्व स्तनपान सप्ताह पर संगोष्ठी का आयोजन
मुंगेर- विश्व स्तनपान सप्ताह के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के उन्मुखीकरण के लिए शुक्रवार को ऑनलाइन ज़ूम लिंक के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई। ऑनलाइन समीक्षा बैठक के जरिये राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी शिशु स्वास्थ्य डॉ. विजय प्रकाश राय ने सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े प्रखण्ड स्तर तक अधिकारियों को विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए कई आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक विकास कुमार सहित प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक के साथ-साथ सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक के प्रसव कक्ष में कार्यरत प्रसव कक्ष के प्रभारी स्टाफ नर्स ने हिस्सा लिया। इसके अलावा विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त के दौरान जिला के सभी प्रखंडों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से गर्भवती व धातृ महिलाओं को अपने शिशुओं को नियमित स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को जमालपुर प्रखंड स्थित इटहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में भी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से स्तनपान पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सीएचओ अर्चना कुमारी ने महिलाओं को स्तनपान कराने के फायदों के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष अगस्त माह के पहले सप्ताह में एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करना तथा कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरूकता प्रदान करना है। इस अवसर पर आशा फैसिलिटेटर बिंदू कुमारी, आशा कार्यकर्ता ममता कुमारी, उर्मिला देवी, विशाखा कुमारी रीना देवी के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं व ग्रामीण महिलाएं मौजूद रहीं । पोषण के साथ बच्चों की शिक्षा भी जरूरी :सीएचओ अर्चना कुमारी ने बताया कि हर साल अगल – अलग थीम पर इस सप्ताह का संचालन किया जाता है। इस साल ‘स्तनपान के लिए कदम : शिक्षित और समर्थन’ थीम पर स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है ताकि माताओं को बच्चों के पोषण के साथ- साथ उनके भविष्य के प्रति जागरूक किया जा सके। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी आशा कार्यकर्ताओं को गृह भ्रमण के दौरान शिक्षा के महत्व और स्तनपान के लिए समर्थन के प्रति लाभुकों को जागरूक करने की भी जिम्मेदारी दी है। उन्होंने बताया कि जैसे बच्चों के सही विकास के लिए जिस प्रकार स्तनपान महत्वपूर्ण है, ठीक उसी प्रकार समाज के विकास के लिए शिक्षा की अलख जगाना भी जरूरी है। तभी आने वाले भविष्य में हमारा जिला, राज्य और देश तरक्की कर सकेगा। माता का दूध बच्चों के लिए पहला टीकाकरण :डीपीसी और विश्व स्तनपान सप्ताह के नोडल अधिकारी विकास कुमार ने बताया कि माता का दूध बच्चों के लिए पहला टीकाकरण है। प्रसव के पहले एक घंटे में बच्चों को स्तनपान कराना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि इस दौरान मां का पहला पीला गाढ़ा दूध कोलेस्ट्रॉम नवजात के श्रेष्ठतम बढोत्तरी व विकास में मदद करता है। मां का दूध नवजात शिशु के लिए असीम आशीर्वाद है। इसलिए चिकित्सक भी जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान जरूर कराने पर बल देते हैं। उन्होंने बताया बच्चे के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार होता है। छह महीने तक बच्चों को सिर्फ माता का दूध ही पिलाना चाहिए। माता के दूध में पाये जाने वाला कोलेस्ट्रम से शिशुओं को प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होती है जिससे रोगों से सुरक्षा होती एवं उनकी समुचित वृद्धि तथा विकास होता है।