राजस्थान के बांसवाड़ा और राजसमंद में मैगनीज ब्लॉक का भण्डार

राजस्थान

राजस्थान के बांसवाड़ा के कालाखूंटा में मेजर मिनरल मैगनीज ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस की 12.11 प्रतिशत प्रीमियम दर पर ई नीलामी की गई है। राज्य में पहली बार किसी माइनिंग ब्लॉक की कंपोजिट लाइसेंस के रुप में नीलामी की गई है। इससे पहले किसी भी खनिज के लिए खनन पट्टों के लिए नीलामी ही की जाती रही है।

खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने मैगनीज के कंपोजिट लाइसेंस की सफल नीलामी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में माइनिंग क्षेत्र में यह बड़ी उपलब्धी है।

मैगनीज बहुत ही उपयोगी धातु है और इसका उपयोग मिश्रधातु के रुप में किया जाता है। स्टील को फौलाद बनाने के लिए स्टील मेें करीब एक प्रतिशत मैगनीज मिलाया जाता है। मैगनीज स्टील में करीब 13 प्रतिशत मैगनीज होता है। इस स्टील का उपयोग राइफल बैरल, रेलवे की पटरी आदि मजबूत बनाने के लिए किया जाता है।

इसी तरह से एलुमिनियम में मिलाकर ड्रिंक कैन, उर्वरकों, कांच में उपयोग, बैटरी, पेंट यहां तक की दवा उद्योग आदि में भी मैगनीज उपयोग खनिज है। एक मोटे अनुमान के अनुसार दुनिया में कुल उत्पादित मैगनीज में से 90 प्रतिशत उपयोग स्टील में किया जाता है।

दुनिया के देशों में मैगनीज का सर्वाधिक उत्पादन चीन मेें होता है। हमारे देश में उडीसा, मध्यप्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान भी मैगनीज का खोज व खनन करने वाले प्रदेशों में शामिल हो गया है।

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