मुंबई के एक निजी फाइनेंसर, एक सहकारी बैंक, इनकम टैक्स के तीन स्टील निर्माता जालना में छापेमारी के दौरान 120 करोड़ रुपये का बेहिसाब बैलेंस भी मिला है।
56 करोड़ नकद और 14 करोड़ सोने के अलावा जमीन, खेत, मकान, कार्यालय, बैंक जमा और अन्य दस्तावेजों के अलावा, संपत्ति का आंकड़ा अभी भी बढ़ना बाकी है। इसके अलावा 30 लॉकर मिले हैं। इसके खुलने के बाद और भी बेनामी संपत्ति के निशान मिल सकते हैं।
कंपनी ने कोलकाता में फर्जी कंपनियों में करोड़ों का निवेश दिखाया है। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का भी संदेह पैदा हो गया है।
आयकर विभाग द्वारा अभी तक 30 लॉकर नहीं खोले गए हैं। इससे और भी नकदी और अन्य संपत्ति आदि के दस्तावेज मिलने की उम्मीद है।
जालना में एक से आठ अगस्त तक आईटी टीम ने कालिका स्टील के अलावा एसआरजे स्टील, गजकेसरी स्टील, फाइनेंसर विमलराज, डीलर प्रदीप बोरा के आवास, कंपनी और उनके फार्महाउस पर छापेमारी की थी.
कार्रवाई एसआरजे स्टील कंपनी के प्रबंधक के आवास व ओल्ड जल क्षेत्र स्थित फार्म हाउस पर की गई। उस समय बड़ी मात्रा में नकदी प्राप्त हुई थी। इन तीनों कंपनियों के मालिकों ने जालना में विभिन्न सहकारी और राष्ट्रीय बैंकों में अपनी कंपनी के कर्मचारियों के नाम पर 30 से अधिक लॉकरों में नकदी रखी थी। लॉकर से 56 करोड़ रुपए नकद मिले हैं। इसके अलावा बेड, गद्दे, आलमारी में नोट छिपाए गए थे।
छापे के किसी भी संदेह से बचने के लिए आयकर दल ‘राहुल वेड्स अंजलि’ और ‘दुल्हन हम ले जाएंगे’ के स्टिकर वाली कारों में आते थे। 120 वाहनों के काफिले में 260 अधिकारियों और कर्मचारियों ने पांच टीमों का गठन किया।