राजस्थान में बिजली संकट, 3 विद्युत उत्पादन संयंत्र हुए ठप्प

राजस्थान में बिजली संकट गहराता जा रहा है। विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद होने से बिजली संकट बना हुआ है। मांग और आपूर्ति में भारी अंतर आने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

विद्युत उत्पादन निगम के अनुसार सूरतगढ़ की तीन इकाइयां अचानक बंद हो गई हैं, इनमें दो इकाइयों सुपर क्रिटिकल की शामिल हैं। जिनसे 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया है। यहां की एक 250 मेगावाट की इकाई भी अचानक बंद हो गई। जिससे चलते बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया। कोटा और छबड़ा में भी उत्पादन प्रभावित हुआ है।

वहीं बिजली संकट के चलते ग्रामीण इलाकों में विद्युत कटौती का दायरा बढ़ाया गया है। जिसके चलते औद्योगिक, कॉमर्शियल, कृषि और घरेलू आपूर्ति पर इसका बुरा असर देखा जा रहा है। गांवों में तो छह घंटे से भी अधिक की अघोषित कटौती की मार देखने को मिल रही है।

शहरों में दो घंटे की कटौती – धौलपुर नगर परिषद क्षेत्र व बाड़ी, राजाखेड़ा, सरमथुरा व बसेड़ी नगरपालिका क्षेत्रों में सुबह छह से आठ बजे तक दो घंटे की कटौती की जा रही है। हालांकि, इन दो घंटे के अलावा भी दिनभर में दो-तीन घंटे की अघोषित कटौती की जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बदतर – बिजली की अघोषित कटौती की सर्वाधिक मार ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ रही है। यहां हालात लगातार बदतर हो रहे हैं। दिनभर में पांच-छह घंटे तक बिजली नहीं आ रही है। ऐसे में लोगों को उमसभरी गर्मी में भारी परेशानी हो रही है।

निगम कर रहा बिजली बचाने की अपील – राज्य में गहराए बिजली संकट के बीच विद्युत निगम ने लोगों से बिजली बचाने की अपील की है। निगम ने कहा है कि बिजली का दुरुपयोग न करें। जरूरत के वक्त ही पंखे, कूलर आदि चलाएं। एसी का उपयोग कम करें।

किसानों पर भी असर – बाजरे की फसल में दाने बन गए हैं। ऐसे में उसे अच्छी तरह परिपक्व करने के लिए पानी की जरूरत है। बारिश नहीं होने से किसानों को खेतों में पानी देने की जरूरत है लेकिन, बिजली संकट के चलते किसान खेतों में पानी नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में खेतों में उत्पादन प्रभावित होने की भी आशंका है। इनका कहना है कि पूरे प्रदेश में बिजली का संकट है। ऐसे में फ्रीक्वेंसी के आधार पर कटौती भी की जा रही है।

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