– चार कालाजार प्रभावित प्रखंडों के गाँवों में चलेगा छिड़काव अभियान – द्वितीय चक्र के तहत 10 नवंबर तक चलेगा अभियान, घर-घर जाकर किया जाएगा जाएगा छिड़काव
लखीसराय
पूरे प्रदेश में कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे सार्थक रूप देने वर्ष 2022 के द्वितीय चरण (अगस्त-अक्तूबर) के तहत जिले के रजौन चौकी और सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामगढ़ गाँव से सोमवार को सिंथेटिक पायराथायराइड(एसपी ) के छिड़काव अभियान का शुभारंभ हो गया। यह अभियान जिले के चार प्रभावित प्रखंडों (लखीसराय, सूर्यगढ़ा, पिपरिया एवं बड़हिया) के विभिन्न गाँवों में चलाया जाएगा। जिसके तहत छिड़काव टीम द्वारा घर-घर जाकर एसपी पाउडर से छिड़काव किया जाएगा। अभियान के दौरान छिड़काव के साथ-साथ सामुदायिक स्तर पर लोगों को कालाजार से बचाव के लिए जागरूक भी किया जाएगा। इस दौरान कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी दी जाएगी। – अभियान के सफल संचालन के लिए छः सदस्य कर्मियों की दो टीमें गठित : जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ अश्विनी कुमार ने बताया, यह अभियान 10 नवंबर तक चलेगा। जिसके सफल संचालन के लिए दो टीम गठित की गई। एक टीम में छः कर्मियों को शामिल किया गया है। ताकि छिड़काव के दौरान कर्मियों की कमी नहीं हो और हर हाल में अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, छिड़काव के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसको लेकर छिड़काव टीम को भी आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। – सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध : कालाजार मरीजों की जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है । साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये की राशि संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं। – कालाजार के लक्षण :- लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना। – वजन में लगातार कमी होना। – दुर्बलता। – मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना। – छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल : – छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।