-केएचपीटी ने नवगछिया के महदत्तपुर में कैंप का किया आयोजन
-कैंप में जीविका दीदियों को लक्षण व बचाव की दी गई जानकारी
भागलपुर, 13 सितंबर
2025 तक जिले के टीबी मुक्त बनाना है। इसे लेकर कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएटपीटी) स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से लगातार कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक कर रहा है। इसी सिलसिले में मंगलवार को केएचपीटी ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिले के नवगछिया प्रखंड की यमुनिया पंचायत के महदत्तपुर गांव में जीविका दीदी के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग सह हेल्थ कैंप का आयोजन किया। इसमें जीविका के रोशनी महिला ग्राम संगठन की कुल 70 दीदियों ने भाग लिया। स्क्रीनिंग कैंप से पहले टीबी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उनके के बीच बैठक कर केएचपीटी की मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी कृष्णा कुमारी ने साझा किया। उन्हें प्रेरित किया गया कि अपने आसपास टीबी के लक्षणों से युक्त रोगी को पाए जाने पर अपने सामुदायिक समन्वयक को सूचित करें, ताकि सरकारी संस्थान में उसका मुफ्त में जांच हो सके। जांच में यदि टीबी की पुष्टि होती है तो मुफ्त में उसका इलाज हो सके और सरकार के निक्षय पोषण योजना का लाभ भी वह उठा सके। लक्षणों की जानकारी देने के लिए उनलोगों के माध्यम से ही एक संक्षिप्त नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें बताया गया कि किसी के घर पर जब जाएंगे तो उनसे टीबी के लक्षण के बारे में किस तरह से जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस लघु नाटक में जीविका की सीएम रूपा देवी, रानी देवी, सीएनआरपी संगीता देवी, एमआरपी निशा कुमारी और सदस्य वंदना देवी, मीना देवी आदि ने भाग लिया। संक्षिप्त नाटक के जरिये टीबी के लक्षण के बारे में किसी के घर पर कैसे पूछा जाना है, इसके बारे में उपस्थित जीविका दीदी बेहतर रूप से समझ सकें इसकी जानकारी दी गई।
स्क्रीनिंग में टीबी के दो लक्षण वाले रोगी मिलेः इसके बाद केएचपीटी के कम्युनिटी मोबिलाइजर संदीप कुमार ने उपस्थित सभी 70 लोगों और उनके परिवार के सदस्यों की स्क्रीनिंग की। कुल 350 लोगों में 70 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें से दो लक्षण वाले रोगी मिले, जिनको बुधवार को जांच के लिए अतिरिक्त यक्ष्मा केंद्र नवगछिया बुलाया गया है। इसके साथ ही उपस्थित सीएनआरपी, एमआरपी, वीआरपी और सीएम के मोबाइल में निश्चय सेतु और टीबी आरोग्य साथी एप डाउनलोड करवाया गया और उसके उपयोग के बारे में बताया गया। इन लोगों द्वारा रोशनी महिला ग्राम संगठन की कुल 189 दीदियों के मोबाइल में डाउनलोड करवाकर उपयोग समझाया जायेगा। इन दोनों एप में टीबी बीमारी और उसके इलाज आदि की सम्पूर्ण जानकारी है। इस जानकारी के सही उपयोग से स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं पर से रोगी और उसके परिवार की निर्भरता खत्म होगी।
सामुदायिक स्तर पर जागरूकता जरूरीः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा कहती हैं कि टीबी को खत्म करने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बहुत ही जरूरी है। जीविका दीदियों की ग्राम स्तर पर काफी पकड़ है। ये लोग लगातार लोगों को घरों में भ्रमण करती रहती हैं। एप की मदद से ये लोग टीबी के बारे में लोगों से जानकारी हासिल करेंगी और अगर टीबी के लक्षण वाले कोई मरीज मिलते हैं तो उसे जांच और इलाज के लिए भेजेंगी। इस तरह के प्रयास से टीबी उन्मूलन में काफी सहयोग मिल सकता है।