मंत्री और बिल्डर का मधुर गठजोड़, सडक़ तक आ गई इमारत

जयपुर

मंत्री और बिल्डर का मधुर गठजोड़ के चलते राजस्थान की राजधानी के सी-स्कीम में बिल्डिंग बॉयलॉज के विरुद्ध नाले के ऊपर खड़ी हो रही इमारत पर कार्रवाई करने से निगम अधिकारी डर रहे हैं। जुलाई में सिविल लाइन्स जोन के अधिकारियों ने आकर मौका निरीक्षण किया, लेकिन निर्माणाधीन मॉल के कर्मचारियों ने जो बताया उसे ही सही मानकर वापस चले गए। एक बार भी नक्शा लाकर नाप तक नहीं की। जबकि, मौके पर लोगों की सुविधा के लिए बनी पार्किंग को छोटा कर दिया और सडक़ पर लाकर इमारत को खड़ा कर दिया।

ऐसा माना जा रहा है कि उक्त बिल्डर पर सरकार के एक मंत्री मेहरबान हैं। दो वर्ष पहले उन्होंने इस हाइड्रोलिक पार्किंग का उद्घाटन किया था। अब निगम के अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं, जबकि पिछले आठ माह से नियमों को ताक पर रखकर इमारत को खड़ा किया जा रहा है और अब इसको किराए पर दिए जाने की तैयारी है। इस इमारत के नवरात्र में उद्घाटन की तैयारी भी की जा रही है।

जनता को सहूलियत देने के नाम पर करोड़ों रुपए की जमीन हथिया ली और जनता को कोई फायदा भी नहीं मिल रहा। करीब आठ माह पहले पार्किंग में से 16 गाडिय़ों की जगह कम कर दी और इस जगह को निर्माणाधीन इमारत का हिस्सा बना लिया। अब दूसरी इमारत से भी सालाना करोड़ों रुपए की आय होगी।

अनुबंध के मुताबिक वर्ष 2010 में निगम से अनुबंध हुआ। 2014 में पार्किंग का काम फर्म को पूरा करना था, लेकिन कम्पनी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जबकि, कम्पनी ने अशोक मार्ग पर नाले पर व्यावसायिक इमारत बनाकर उसे किराए पर उठा दिया। उससे हर माह लाखों रुपए का किराया शुरू कर दिया और पार्किंग 2020 में बनकर तैयार हुई। फर्म ने देरी से काम किया, लेकिन निगम ने अनुबंध के मुताबिक हर्जाना भी वसूल नहीं किया।

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