कुपोषणमुक्त समाज निर्माण के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों का भी सहयोग जरूरी

  • समाज के हर तबके के व्यक्ति तक पोषण का उद्देश्य और महत्व की जानकारी होना जरूरी
  • सामुदायिक स्तर पर जागरूकता से कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण संभव

खगड़िया, 26 सितंबर। कुपोषण किसी एक व्यक्ति या परिवार की समस्या नहीं, बल्कि यह पूरे समाज की समस्या है। इसे मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर एक-एक व्यक्ति की भागीदारी जरूरी और यह सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए, कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक-एक व्यक्ति को पुराने ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आने की जरूरत है। क्योंकि, यह तभी संभव है, जब समाज के हर तबके के व्यक्ति तक उचित पोषण का महत्व और उद्देश्य की जानकारी पहुँच पाएगी। उक्त बातें आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) सुनीता कुमारी ने कही। वहीं, उन्होंने कहा, सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता से कुपोषण की समस्या को खत्म करना संभव है। इसके लिए शासन-प्रशासन द्वारा तमाम आवश्यक और जरूरी पहल तो की ही जा रही है। इसके अलावा सामुदायिक स्तर आमजनों के सहयोग की भी जरूरत है। क्योंकि, किसी भी कुरीति को मिटाने के लिए सामाजिक सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

  • पुराने ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आने की जरूरत :
    सदर सीडीपीओ रंजना कुमारी ने बताया, कुपोषण मुक्त समाज निर्माण के लिए खासकर महिलाओं को जागरूक होने की विशेष जरूरत है। क्योंकि, आज भी ऐसा देखा जा रहा है कि महिलाओं के मन से पुराने ख्यालात और अवधारणा दूर नहीं हो पा रही है। जैसे – पुरुष खाने के बाद ही महिलाएं खाएंगी, यह एक पुरानी अवधारणा और ख्यालात है। जिसका पारिवारिक रिश्ता और जिम्मेदारी से कोई लेना-देना नहीं है।यह सिर्फ और सिर्फ उचित पोषण के लिए बाधक है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह और घातक है । क्योंकि, अगर गर्भवती माताएं समय पर खाना नहीं खाएंगी तो गर्भवती एवं गर्भस्थ शिशु दोनों को कुपोषण की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, मैं तमाम महिलाओं से अपील करती हूँ कि ऐसी सोच से बाहर आएं और समय पर खाना खाएं। यही आपके स्वस्थ शरीर और कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सबसे बेहतर और कारगर कदम होगा तथा पारिवारिक जिम्मेदारी के प्रति सबसे बड़ी और सच्ची पहल भी होगी।
  • बच्चों के शिक्षा के प्रति जागरूक होना भी जरूरी :
    आईसीडीएस के जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया, कुपोषण मुक्त समाज निर्माण के लिए हर व्यक्ति को खान-पान के प्रति जागरूक रहने एवं पोषण से संबंधित बेहतर आदतों को बढ़ावा देने की जरूरत है। जैसे – समय पर खाना खाएं, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने समेत अन्य दिनचर्या के प्रति सजग रहना। इसके अलावा हर अभिभावक को अपने बच्चों की शिक्षा का प्रति भी जागरूक होने की जरूरत है। क्योंकि, कुपोषण को मिटाने के लिए जितना उचित पोषण जरूरी है, उतना शिक्षा की भी जरूरत है। इसलिए, सभी अभिभावकों को अपने बच्चे के शिक्षा के प्रति गंभीर रहना चाहिए।
  • प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरूरी :
    खगड़िया प्रखंड अंतर्गत मथुरापुर गाँव में संचालित ऑंगनबाड़ी केंद्र संख्या 76 की सेविका निर्मला कुमारी ने बताया, कुपोषण मुक्त समाज निर्माण के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग और पुरुष सहभागिता बेहद जरूरी है। क्योंकि, सामाजिक जागरूकता से ही सामुदायिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव संभव है। इसलिए, सभी व्यक्ति को कुपोषण मिटाने के आगे आना चाहिए और सहयोग करना चाहिए।
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