लखीसराय जिले में चलेगा कुष्ठ रोगी खोजी अभियान, आशा कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

  • 08 से 17 अक्टूबर तक जिले भर में चलेगा अभियान, मरीजों की पहचान कर इलाज कराने के लिए किया जाएगा प्रेरित
  • कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, बचाव, उपचार एवं मरीजों को पहचान करने की दी जा रही है जानकारी

लखीसराय, 26 सितंबर

राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 08 से 17 अक्टूबर तक जिले भर में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलेगा। जिसके एक-एक मरीजों की पहचान कर उन्हें इलाज कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। अभियान के सफल संचालन को जिले के आशा कार्यकर्ताओं समेत अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसके कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, बचाव, उपचार एवं मरीजों की कैसे पहचान करें समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी दी जा रही है। ताकि प्रशिक्षित कर्मी आसानी के साथ मरीजों की पहचान कर उन्हें इलाज कराने के लिए प्रेरित कर सकें और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके।

  • पीबी मरीजों को 06 माह तो एमबी मरीजों को 09 माह तक दवाई का सेवन जरूरी :
    जिला अपर मुख्य चिकीत्सा -पदाधिकारी सह प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया, कि इसमें दो तरह के मरीज मिलने की संभावना रहती है। पहला पीबी यानी जिस मरीजों को एक से दो जगह पर बीमारी की विकृति है, उन्हें 06 माह और दूसरा एमबी यानी जिन्हें दो से अधिक जगहों पर बीमारी की विकृति है, उन्हें 09 माह तक दवाई का सेवन करना जरूरी है। तभी बीमारी को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाता है। वहीं, उन्होंने बताया, सामान्य मरीजों के लिए पीएचसी स्तर पर समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जबकि, गंभीर मरीजों को जिला स्तरीय अस्पताल भेजा जाता है।
  • बारी-बारी से जिले के सभी प्रखंडों की आशा कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण :
    यह प्रशिक्षण निर्धारित तिथि के अनुसार बारी-बारी से जिले के सभी आशा कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा। जिसके बाद आशा कार्यकर्ता कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के तहत घर-घर जाकर मरीजों की पहचान करेंगी और संबंधित मरीजों को इलाज कराने के लिए प्रेरित करेंगी। यही नहीं, इलाज के लिए स्वास्थ्य संस्थान जाने में आवश्यक और जरूरी सहयोग भी करेंगी।
  • कुष्ठ रोग :
  • कुष्ठरोग जीवाणु से होने वाला एक रोग है।
  • कुष्ठ रोग नस और त्वचा दोनों को प्रभावित करता है।
  • यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए एवं लंबे समय तक साथ रहने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की प्रबल संभावना रहती है और विकलांगता भी हो सकती है।
  • यह किसी भी व्यक्ति, किसी उम्र की महिला-पुरुष को प्रभावित कर सकता है।
  • सही समय पर रोग की पहचान एवं उपचार प्रदान कर रोग को पूर्ण रूप से समाप्त किया जा सकता है।
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