- सुरक्षित और सामान्य प्रसव को लेकर गर्भावस्था के दौरान बरती जाने की सावधानियों की दी गई जानकारी
- एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को लेकर भी किया गया जागरूक, दी गई आवश्यक और जरूरी जानकारी
खगड़िया, 30 सितंबर।
शुक्रवार के जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित स्वास्थ्य उप केंद्र (एचएससी) समेत अन्य जगहों पर नियमित टीकाकरण (आर आई) शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकृत किया गया। टीकाकरण, सेविका और आशा कार्यकर्ता के सहयोग से संबंधित क्षेत्र की एएनएम द्वारा किया गया। इस दौरान टीकाकरण के लिए आई गर्भवती महिलाओं को जरूरी सलाह दी गई और गर्भावस्था के दौरान खानपान, रहन-सहन, व्यक्तिगत साफ-सफाई समेत गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सतर्कता सहित अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी भी दी गई। साथ ही धातृ माताओं को बच्चों के स्वस्थ और मजबूत शरीर निर्माण के लिए नियमित टीकाकरण कितना जरूरी है, नियमित टीकाकरण कराने से होने वाले फायदे, स्तनपान समेत अन्य आवश्यक जानकारियाँ दी गई।
- विभिन्न प्रकार के गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवनंदन पासवान ने बताया, विभिन्न प्रकार के गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण बेहद जरूरी है। इसलिए, मैं जिले के तमाम गर्भवती महिलाएं खुद और 0 से 02 आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों से अपील करता हूँ कि अपने बच्चों का निश्चित रूप से बेहिचक टीकाकरण कराएं। इससे ना केवल गंभीर बीमारी से बचाव होगा, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलेगा तथा बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होगा। वहीं, उन्होंने बताया, शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के अलावा जेई (जापानी बुखार) का टीके लगाए जाते हैं। जबकि, गर्भवती महिलाओं को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारी से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है। - एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को लेकर भी किया गया जागरूक, दी गई आवश्यक और जरूरी जानकारी :
पिरामल फाउंडेशन के डीपीएल प्रफूल्ल झा ने बताया, नियमित टीकाकरण के दौरान मौजूद गर्भवती एवं धातृ माताओं को एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को लेकर भी जागरूक किया गया। जिसके दौरान बताया गया कि महिलाओं के साथ-साथ किशोरियों को भी भी नियमित तौर पर हीमोग्लोबिन जाँच करानी चाहिए। ताकि एनीमिया से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण हो तो शुरुआती दौर में ही पता चल सके और समय पर इलाज शुरू करा कर आसानी के साथ परेशानी को दूर किया जा सके। वहीं, उन्होंने बताया, इसके अलावा बदलते मौसम के साथ बढ़ी मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता पर भी बल दिया गया। इसको लेकर गर्भवती महिलाओं को व्यक्तिगत साफ-सफाई समेत आसपास के परिसर में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने को कहा गया। ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी नहीं हों। साथ ही सामान्य और सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने के लिए भी जागरूक किया गया और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध समुचित व्यवस्था की भी जानकारी दी गई।