नईदिल्ली-
न्यू देहली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमंट में दो दिवसीय दूसरा अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। इस खास आयोजन में जो विषय रखा गया वह है भविष्य का नेतृत्व-परिवर्तन के साथ आगे बढ़े। इस आयोजन में मुख्य रूप से एआईसीटीई और पेपरडाइन यूनिवर्सिटी,यूएसए के सहयोग से किया गया है। जिसमें देश भर के विद्वजनों ने अपने विचार रखें। पहले दिन इस खास आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप हीरानंदानी ग्रुप के एमडी निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि आज परिवर्तन का युग है ऐसे में विश्व स्तरीय कार्य करने की जरूरत है। बदलाव परिवर्तन का नियम है। तभी आप आगे भी बढ़ सकते हैं।
हमारा ग्रुप इस बात का खास ध्यान रखता है कि आखिर बदलाव के साथ आगे बढ़ा है। आज देश में जलवायुव परिवर्तन केवल भारत को नहीं पूरे विश्व को प्रभावित किया है जिसमें यूएसए भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास तौर पर इसके लिए जागरूक किया है। एनडीआईएम ने जिस प्रकार से इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया है जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं। इस खास मौके पर डीन पेपरडाइन यूनिवर्सिटी के डीन डॉ हेलेन इसटरलिंग विलियम ने अपना प्रेजेंटन भी दिया और खास तौर पर वह कहा कि आज सभी समस्याओं को समाधान शिक्षा में है जिसके लिए एनडीआईएम जैसे संस्थान लगातार प्रयास कर रहा है। यूएसए इस तरह की परिवर्तन को स्वीकारता है। हमें साथ में बढ़ना है, परिवर्तन को भी स्वीकारना है। इसके लिए सदा कार्य करने की जरूरत है। इस मौके पर एआईसीटीई के मेम्बर सेक्रेटरी डॉ एपी मित्तल ने कहा कि तीस साल में काफी कुछ तकनीकी में बदलाव हुआ है। बदलाव हमारी अर्थव्यवस्था को भी बदला है। अर्थव्यवस्था आगे बढ़ा है। बदलाव जरूरत भी है। एआईसीटीई भी इसके लिए सदा तैयार रहा है। कई ऐसे बदलाव विगत दिनों ही आए हैं। इस मौके पर एनडीआईएम के चेयरमैन वीएम बंसल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि एनडीआईएम अद्यतन विषय पर ऐसे आयोजन करता रहेगा। इस खास आयोजन में आए सभी विद्वजन को आभार। इस मौके पर वीएम बंसल ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को सम्मानित भी किया।