राजस्थान में गायब हो गए जंगली गधे, वन विभाग ने अब खुली है नींद

राजस्थान में जंगली गधे गायब हो गए हैं। देश में अब जंगली गधे केवल गुजरात के कच्छ के रण में ही बचे हैं। राजस्थान में जंगली गधे पूरी तरीके से गायब हो गए हैं। कभी जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर और बीकानेर तक जंगली गधे पाए मिलते थे लेकिन विपरीत हालात व मानवीय दखल ने उनका आवास छीन लिया।

वन विभाग ने अब जंगली गधों को पुन: प्रदेश में बसाने के लिए 6 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया है, जिसके तहत जालोर के रणखार गांव में इनके लिए सुविधाएं विकसित की जाएगी। बारिश के दिनों में गुजरात की सीमा पार करके जालोर-बाड़मेर में स्थित कच्छ के रन के अंतिम छोर पर आने वाले जंगली गधों को यही रोकने के प्रयास होंगे ताकि वे प्रजनन करके राजस्थान में भी अपनी आबादी बढ़ा सके।
रणखार को 6 महीने पहले घोषित किया संरक्षित क्षेत्र

जालोर के गुजरात की सीमा से लगते रणखार गांव को अप्रेल 2022 में ही संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है ताकि यहां जंगली गधों के अलावा पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का भी संरक्षण किया जा सके। इसका क्षेत्रफल 72 वर्ग किलोमीटर है।

यहां केवल बरसात के दिनों में लूणी नदी बहती है। इसके बाद इसका पानी कच्छ के रण में मिलकर सूख जाता है। वन विभाग लूणी नदी के अपवाह क्षेत्र में वाटर डाइक्स (झीलनुमा छिछला क्षेत्र) बनाकर इसके पानी को रोकेगा। इससे साल भर लम्बे समय तक यहां पानी बना रहेगा। जो जंगली गधे गुजरात सीमा पार करके यहां आएंगे। वे पानी व अन्य सुविधाओं की वजह से राजस्थान में ही रुके रहेंगे।

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