वैश्विक अर्थव्यवस्था के कठिन दौर से गुजरने की भविष्यवाणी आईएमएफ द्वारा की गई है। इसने आर्थिक प्रगति का पूर्वानुमान घटाया है और दुनिया के एक तिहाई हिस्से में आर्थिक संकुचन का अनुमान लगाया है। भारत के ग्रोथ अनुमान में भी आईएमएफ ने भारी कमी की है।
वैश्विक वित्तीय संस्थान की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि, “सबसे बुरा वक्त अभी आना बाकी है। साल 2023 भारी मंदी की तरह महसूस होगा।” इस तरह से अनुमानों को नकारात्मक रूस से संशोधित करते हुए आईएमएफ ने जुलाई में अपेक्षित दर से 2023 के लिए वैश्विक विकास दर में संशोधन कर गिरावट को दिखाया है।
अनुमान में अगले ग्लोबल स्तर पर मात्र 2.7 फीसदी दर की वृद्धि की उम्मीद की गई है। यह पिछले साल की 6 प्रतिशत की वृद्धि और इस वर्ष के 3.2 प्रतिशत की वृद्धि के पूवार्नुमान से काफी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “दुनिया एक अस्थिर दौर में है : आर्थिक, भू-राजनीतिक और पारिस्थितिक परिवर्तन सभी आर्थिक ग्रोथ के वैश्विक दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।” रिपोर्ट के अनुसार, विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई हिस्सा लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक वृद्धि का सामना कर रहा है, आईएमएफ ने भी यही भविष्यवाणी की है।