फुटबॉल मैच के जरिए लड़कियों ने दिया सशक्तिकरण का सन्देश

• सहयोगी संस्था द्वारा आयोजित की गयी मैच • उत्साह के साथ लड़कियों ने किया प्रतिभाग • लिंग आधारित भेदभाव को दूर करने में खेल की हो सकती है महत्वपूर्ण भूमिका 

पटना: सोमवार को सहयोगी संस्था द्वारा क्रिया के सहयोग से बाल दिवस के मौके पर मनेर प्रखंड के बलुआँ पंचायत स्थित प्रारम्भिका विद्यालय में लड़कियों की फुटबॉल मैच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. मैच में लगभग 30 लड़कियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया. मैच के आयोजन से एक तरफ बाल दिवस पर स्कूली छात्राओं को खेलने का अवसर मिला. वहीं, दूसरी तरफ खेल-कूद में लड़कियों की प्रतिभागिता के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव की जरूरत भी उभर कर सामने आई. मैच के दौरान लड़कियां लाल एवं नीले ड्रेस में एक दूसरे से प्रतियोगिता करने के साथ एक-दूसरे का हौसला आफजाई करते भी दिखिं. मैच शुरू होने से पूर्व प्रारम्भिका विद्यालय के निदेशक सुमित प्रकाश ने लड़कियों का मनोबल बढ़ाया एवं जीवन के प्रत्येक प्रतियोगिता में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की. 
खेल-कूद भी लैंगिग भेदभाव में कमी ला सकता है: सहयोगी संस्था की निदेशिका रजनी ने बताया कि सामाजिक पृष्ठभूमि में अभी भी कई खेल-कूद ऐसे हैं जहाँ लड़कियों की प्रतिभागिता को स्वीकृति नहीं मिली है. परिवार से शुरू हुयी लैंगिग भेदभाव समाज के उबड़-खाबड़ सड़कों से होकर कब खेल-कूद में सरीक हो गया है, इसका सही आकलन करना संभव नहीं है. इस लिहाज से लिंग आधारित भेदभाव की बुनियाद को कमजोर करने के लिए खेल-कूद में लड़कियों की प्रतिभागिता को प्रोत्साहित करना लाज़िमी है. समाज का एक वर्ग अभी भी एक दलील में उलझा है कि कौन सा कपड़ा लकड़ियों के लिए उपयुक्त हो सकता है. कौन सा व्यवहार लडकियों के लिए उचित है एवं कौन सा खेल ऐसा है जो सिर्फ लड़कों के लिए ही बना है. ऐसे में खेल-कूद में लड़कियों की प्रतिभागिता महिला सशक्तिकरण के लिहाज से तो महत्वपूर्ण है ही. साथ ही लैंगिग भेदभाव करने वालों के लिए उनकी सोच में परिवर्तन लाने के लिए एक बेहतर अवसर भी है. एक साथ बढेंगे, तभी तो समाज प्रगति करेगा: बलुआँ पंचायत की मुखिया माधुरी देवी ने लड़कियों के लिए फुटबॉल मैच का आयोजन करने के लिए सहयोगी संस्था को धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि लड़कों एवं लड़कियों के बीच किसी तरह का भेदभाव परिवार एवं समाज की प्रगति में बाधक है. दोनों एक साथ मिलकर आगे बढेंगे तभी अपना समाज सही मायने में विकास कर सकेगा. आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ लड़कियों की भागीदारी लड़कों की तुलना में कम हो. लिंग आधारित भेदभाव एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान सरकार के पास नहीं है. इसका निदान हमें खुद ढूँढना होगा. उन्होंने कहा कि फुटबॉल मैच में लड़कियों को प्रतिभाग करते देखना उनके लिए एक सुखद अनुभूति है. उन्होंने उपस्थित लोगों से खेल-कूद में लकड़ियों को शामिल करने की भी बात कही. कार्यक्रम में बलुआं की मुखिया माधुरी देवी, प्रणेश कुमार सिंह उर्फ मालिक जी तथा प्रारम्भिका विद्यालय के निदेशक सुमित प्रकाश, इंचार्ज रंजीत कुमार सिंह तथा अन्य शिक्षक शामिल थे

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