आशा कार्यकर्ता कैंसर के बारे में लोगों को करेंगी जागरूक

-क्षेत्र में जाकर कैंसर के शुरुआती लक्षणों वाले व्यक्तियों को करेंगी चिह्नित
-चिह्नित व्यक्ति को स्क्रीनिंग कराने के लिए भेजा जाएगा सदर अस्पताल

बांका, 17 दिसंबर-

आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में लोगों को कैंसर को लेकर करेंगी जागरूक। लोगों को कैंसर के बारे में बताएंगी। इसके शुरुआती लक्षणों की जानकारी देंगी। अगर इस दौरान कोई व्यक्ति कैंसर के लक्षण वाले मिलते हैं तो उसे स्क्रीनिंग के लिए सदर अस्पताल भेजा जाएगा। अगर उसे कैंसर होने की पुष्टि होती है तो उसे आगे के इलाज के लिए भेजा जाएगा। इसे लेकर शनिवार को सिविल सर्जन सभागार में गैरसंचारी रोग विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में आशा कार्यकर्ताओं, जीएनएम और एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बीपी और शुगर की भी जानकारी दी गई। एक सप्ताह तक चलने वाले प्रशिक्षण के कार्यक्रम के पांचवें दिन शनिवार को कटोरिया, फुल्लीडुमर और शंभूगंज प्रखंड की आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया। उन्हें कैंसर के शुरुआती लक्षण और स्क्रीनिंग के बारे में बताया गया। साथ ही बीपी और शुगर के मरीजों को किस तरह से जागरूक करना है, इसकी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का आयोजन जिला गैरसंचारी रोग पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में किया गया। प्रशिक्षण देने का काम सदर अस्पताल के डॉ. विजय कुमार और डॉ. प्रीति सागर ने किया। कार्यक्रम का आयोजन कराने में एनसीडी विभाग के प्रभारी एफएलसी राजेश कुमार और सौरव सुमन ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मालूम हो कि सदर अस्पताल में ऑरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है, इसलिए पहले डॉ. प्रीति सागर ने इस बारे में जानकारी दी। इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में बताया। साथ में यह भी बताया कि अगर ऐसे लक्षण वाले कोई मरीज मिलते हैं तो उसे सदर अस्पताल भेजिए। वहां पर स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में अगर कैंसर के लक्षण का पता चलता है तो उसे इलाज के लिए आगे भेजा जाएगा। डॉ. प्रीति सागर ने बताया कि होमी भाभा अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर और राज्य स्वास्थ्य समिति में एक समझौता हुआ है, जिसके तहत ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की निःशुल्क जांच की व्यवस्था बांका सदर अस्पताल में की गई है। जांच में मरीज में अगर कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो उसका इलाज पटना के आईजीआईएमएस, एनएमसीएच और मुजफ्फरपुर के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में से किसी एक जगह किया जाएगा। इलाज में मरीजों को सरकारी सहायता मिलेगी। उन्हें नाममात्र का चार्ज ही लगेगा और लगातार मरीजों का फॉलोअप किया जाएगा।
बीपी और शुगर के बारे में भी करें जागरूकः वहीं सदर अस्पताल के डॉ. विजय कुमार ने बताया कि सर्दी के मौसम में आपलोग क्षेत्र में जाकर लोगों को बीपी और शुगर के बारे में जागरूक करें। खासकर जो बीपी के मरीज हैं, उन्हें विशेष तौर पर सावधानी की जरूरत पड़ती है। भोजन पर नियंत्रण से लेकर शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की आवश्यकता पड़ती है। बीपी के साथ शुगर के मरीजों को भी तला-भुना भोजन से दूर रहना चाहिए। अधिक तेल-मसाले से काफी नुकसान पहुंचता है। अभी के मौसम में जब धूप निकल आए तो बीपी और शुगर के मरीजों को तेज कदमों से 45 मिनट तक टहलने की भी कोशिश करने की सलाह देने को लिए डॉक्टरों को कहा गया। साथ ही जो लोग दवा का सेवन करते हैं वे बीच में दवा नहीं छोड़ें। इससे नुकसान हो सकता है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक अपना व्यवहार रखें।

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