मुंगेर जिला में 10 फरवरी से शुरू होगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम

  • फाइलेरिया से बचाव के लिए जनजागरूकता के साथ सतर्कता है बेहद जरूरी
  • फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए / आईडीए सहित केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं विभिन्न कार्यक्रम

मुंगेर, 21 दिसंबर। फाइलेरिया सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों के उन्मूलन के लिए केंद्र और राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर और सजग है. । इसको सार्थक रूप देने के लिए राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा आगामी 10 फरवरी से मुंगेर सहित राज्य भर के कुल 24 जिलों में एमडीए और आईडीए कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है । इसके माध्यम से लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी समय -समय पर दी जा रही है। ताकि सामुदायिक स्तर पर लोग जागरूक हो शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर अपना इलाज शुरू करवा सकें । दरअसल, इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता के साथ- साथ सतर्कता भी बेहद जरूरी है। इसलिए जिला भर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित तौर पर लगातार विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी दी जा रही है ताकि संबंधित मरीज अपना सुविधाजनक तरीके से इलाज करवा सकें और बीमारी पर रोकथाम सुनिश्चित हो सके।

  • फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन जरूरी :
    जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन बेहद जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा आगामी 10 फरवरी से मुंगेर सहित 16 जिलों में एमडीए और 8 आठ जिलों में आईडीए अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से जिले भर में एमडीए अभियान के तहत अल्बेंडाजोल और डीईसी की दो दवा खिलाई जाएगी । इसके साथ ही बिहार के 8 जिलों में आईडीए अभियान के तहत अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा के साथ एक और तीसरी दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर एमएमडीपी किट उपलब्ध करायी जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएनएम, आशा कार्यकर्ता समेत अन्य कर्मियों के सहयोग से अभियान चलाकर भी लोगों को जागरूक किया जाता है। उन्होंने बताया कि एमडीए अभियान के तहत गृह भेंट की तर्ज पर आशा कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर जाकर लोगों को खुद के सामने अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाएं खिलाई जाती हैं। उक्त दवा गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जाती है।
  • क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया : जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। इसके साथ ही सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए।
  • मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं फाइलेरिया :
    उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल हैं । हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को सामान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है।
  • साइड इफेक्ट से घबराएं नहीं :
    उन्होंने बताया कि दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते , उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते, जो प्राथमिक उपचार से ठीक हो जाते हैं।
  • फाइलेरिया क्या है ?
  • फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
  • किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
  • फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।
  • किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
  • इन बातों का रखें ख्याल :
  • भूखे पेट दवा नहीं खिलानी है।
  • किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।
  • गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है।
  • 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है।
  • गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है।
  • फाइलेरिया से बचाव के उपाय :
  • सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
  • घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
  • अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
  • साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
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