एचआईवी-एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने में ग्राम प्रधान हर सम्भव मदद कर रहे हैं। जगह जगह जागरूकता अभियान में बढ चढ कर हिस्सा ले रहे हैं और लोगों को इन शिविरों में ला रहे हैं।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद के सात ब्लॉकों में लगाई गए जागरुकता शिविर
- – प्रधानों ने प्रवासी मजदूरों सहित अन्य को जागरुक कर शिविर में कराया प्रतिभाग
- 26 गांव में लगे शिविरों में 1281 व्यक्तियों की हुई एचआईवी की जांच
- आगरा, 22 दिसंबर 2022।
- एचआईवी-एड्स के प्रति लोगों को जागरुक करने में ग्राम प्रधान अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए जागरुकता शिविरों में ग्राम प्रधान लोगों को जागरुक कर शिविरों में शामिल करा रहे हैं।
- जिला क्षय रोग अधिकारी व एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल डॉ. सीएल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के निर्देश अनुसार जनपद के चयनित सात ब्लॉकों (अकोला, फतेहाबाद, जगनेर, अछनेरा, बिचपुरी, शमसाबाद, बरौली अहीर) के 26 गांव में जागरुकता व स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इन शिविरों में लोगों को नुक्कड़ नाटक के जरिए एचआईवी—एड्स से बचाव व रोकथाम के बारे में जागरुक किया गया। इसमें गांव के प्रधानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधानों के सहयोग से स्वास्थ्य शिविरों में प्रवासी परिवारों को एचआईवी-एड्स के बारे में जागरुक किया गया। इनमें कुल 1281 व्यक्तियों की एचआईवी की जांच की गई। इसके साथ ही शिविर में लोगों की टीबी, डेंगू, मलेरिया, हीमोग्लोबिन व आंखों की जांच की गई।
नगला बीच के ग्राम प्रधान सतेंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए शिविर में हमारे क्षेत्र में रह रहे प्रवासी मजदूरों को जाने के लिए प्रोत्साहित किया। शिविर में उनकी जांच भी की गई। शिविर के संपन्न होने के बाद भी हम लगातार अपने क्षेत्र में लोगों को एचआईवी-एड्स के प्रति जागरुक कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के साथ एंड्स नियंत्रण कार्यक्रम में काम करने वाली संस्था चेतना सेवा संस्थान के परियोजना निदेशक रईस अहमद ने बताया कि बाहर से आकर काम करने वाले लोगों को एचआईवी/एड्स की दृष्टि से उच्च जोखिम की स्थिति में रखा गया है। ऐसे में सात ब्लॉकों में लगे शिविरों में लोगों को एचआईवी/एड्स के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई।
- संस्था की परियोजना प्रबंधक तृप्ति जैन ने बताया कि यदि कोई एचआईवी की जांच में पॉजिटिव आता है तो एक बार दोबारा जांच कराकर एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्र पर पंजीकरण कराकर उनका उपचार शुरू कराया जाएगा।
- ऐसे फैलता है एचआईवी
- – एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से।
- संक्रमित सुई लगवाने या रक्त उत्पाद चढ़ाने से।
- – नशीली दवाओं को सुई से लेने से।
ऐसे करें बचाव - असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें।
- – कंडोम का उपयोग करें।
- संक्रमित सुई न लगवाएं।
- – जीवनसाथी के साथ वफादारी निभाएं।
- हमेशा सरकारी या पंजीकृत ब्लड बैंक से ही रक्त लें।
- – रक्त लेते वक्त सुनिश्ति करें कि यह एचआईवी मुक्त है।
इन तरीकों से नहीं फैलता एचआईवी - एचाईवी सामाजिक एवं सामान्य मेलजोल से नहीं फैलता है।
- – हाथ मिलाने से नहीं फैलता है।
- एक साथ घर में रहने से नहीं फैलता है।
- – कपड़ो का आदान-प्रदान करने से नहीं फैलता है।
- शौचालय अथवा स्वीमिंग पूल के साझा करने से नहीं फैलता है।
- – साथ खाने से नहीं फैलता है।
- मच्छर या कीड़े-मकोड़ के काटने से नहीं फैलता है।