कायाकल्प की राज्यस्तरीय टीम ने शंभूगंज और धोरैया अस्पताल का लिया जायजा

पटना से आई टीम ने दोनों अस्पतालों का बारीकी से किया निरीक्षण
टीम में शामिल सदस्यों ने अस्पतालों में एक-एक चीज की ली जानकारी
बांका, 3 जनवरी
कायाकल्प की राज्य स्तरीय टीम ने शंभूगंज और धोरैया स्थित सरकारी अस्पताल का मूल्यांकन किया। पटना से आई कायाकल्प की टीम ने दोनों ही अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को देखा। एक-एक चीज की बारीकी से जानकारी ली। अस्पताल में साफ-सफाई से लेकर ओटी, लेबर रूम, पार्किंग, गार्डेन इत्यादि को जाना। राज्य स्तरीय मूल्यांकन के लिए आई कायाकल्प की टीम में केयर इंडिया के राज्य कार्यक्रम समन्वयक हरिशंकर कुमार और डॉ. अबोली गोरे शामिल थे। उनके साथ जिला से गुणवत्ता सलाहकार डॉ. जावेद अली और केयर इंडिया के डीटीएल तौसीफ कमर भी शामिल थे। साथ ही दोनों ही अस्पतालों के प्रभारी और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे। दोनों ही अस्पतालों के मूल्यांकन के बाद राज्य स्तरीय टीम संतुष्ट दिखी। जिला गुणवत्ता सलाहकार डॉ. जावेद अली ने बताया कि पटना से आई टीम ने दोनों अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को परखा। एक-एक चीज की जानकारी ली। टीम के सदस्य दोनों ही अस्पतालों की व्यवस्था से संतुष्ट दिखे। कायाकल्प मूल्यांकन में जिले के अस्पताल पहले से बेहतर करते आए हैं। मुझे उम्मीद है कि इस बार भी बेहतर करेगा और उसमें शंभूगंज और धोरैया स्थित सरकारी अस्पताल को भी जगह मिल सकती है।
दोनों अस्पतालों की व्यवस्था संतोषजनकः मूल्यांकन करने पटना से आए हरिशंकर कुमार ने बताया कि दोनों ही अस्पतालों में सभी कुछ दुरुस्त था। मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं संतोषजनक थीं। सबसे अच्छी बात यह है कि दोनों ही अस्पताल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। क्षेत्र की बड़ी आबादी सरकारी अस्पताल की व्यवस्था पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में अस्पताल की व्यवस्था बेहतर होना बहुत जरूरी है। मुझे खुशी है कि अस्पताल में सभी कुछ बेहतर था। मरीजों के इलाज को लेकर व्यवस्था अच्छी थी। बड़ी बात यह है कि इस बात की पुष्टि यहां पर आने वाले मरीज भी कर रहे थे। अगर अस्पताल में आने वाले मरीज वहां की व्यवस्था से संतुष्ट हों तो यह बहुत ही महत्व रखता है। इसके लिए मैं दोनों ही अस्पतालों के प्रभारियों समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई देता हूं।
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में भी मरीजों को मिल रहीं बेहतर सुविधाएं- डॉ. अबोली गोरे ने बताया कि अब ग्रामीण क्षेत्र स्थित अस्पताल में भी व्यवस्था लगातार बेहतर हो रही है। शंभूगंज और धोरैया स्थित सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था इस बात का प्रमाण है कि इलाज को लेकर अब कितना ध्यान दिया जा रहा है। दोनों ही अस्पतालों के मूल्यांकन के दौरान यह लगा कि न सिर्फ कायाकल्प या लक्ष्य मूल्यांकन के दौरान अस्पताल की व्यवस्था बेहतर है, बल्कि आमदिनों में भी मरीजों को यहां पर बेहतर व्यवस्था मिलती है। इन अस्पतालों में आने वाले मरीजों को प्राथमिक स्तर पर लगभग सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। कुल मिलाकर दोनों ही अस्पतालों की व्यवस्था बेहतर थी।

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