वंचितों को सशक्त बनाएगा यह केंद्रीय बजट-विनोद सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता

वर्तमान सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट संसद में पेश हुआ। चिर-परिचित अंदाज में केंद्र सरकार की ओर से सबको साथ लेकर चलने की मंशा और वंचितों पर अधिक ध्यान की बात करने वाला यह बजट रहा। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने की शुरुआत में ही यह कहकर पूरी मंशा को स्पष्ट कर दिया था कि यह अमृतकाल का अमृत बजट है।

इस बजट की सात प्राथमिकताएं हैं, जो सप्तऋषि की तरह अमृतकाल के दौरान हमारा मार्गदर्शन करेंगी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि बजट में सात प्राथमिकताएं सप्तर्षि की अवधारणा पर आधारित हैं। इनमें समावेशी वृद्धि, हरित विकास, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र, अंतिम छोर तक पहुंच, बुनियादी ढांचे का विकास और क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल शामिल है।

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को गति देने के लिये अलग कोष बनाया जाएगा। नई तकनीकी पर जोर होगा। पर्यटन में घरेलू एवं वैश्विक संभावनाएं मौजूद हैं। इसके प्रोत्साहन के लिए मिशन मोड में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में काम किया जाएगा। हमने कई टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।

अमृत यानी जीवनदायिनी। हमारी सनातन संस्कृति में यही मान्यता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है, जो उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। मौजूदा वित्त वर्ष में हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।

वर्ष 2023-24 के बजट में उपेक्षितों और जरूरतमंदों के लिए विशेष ध्यान दिया गया गया। तभी तो जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण किया जा सके। अगले 3 वर्षों में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।अगले तीन साल में एकलव्य स्कूलों में 38,800 अध्यापकों व सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। देश में राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्ट संस्थान खोले जाएंगे।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी अंत्योदय और प्राथमिकता प्राप्त परिवारों को एक साल तक मुफ्त खाद्यान्न देने के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन कर रही है। समावेशी विकास की दिशा में 11.4 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। 220 करोड़ कोविड टीके लगाए गए। 47.8 करोड़ जन-धन योजना के तहत बैंक खाते खोले गए। 2.2 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण किया गया। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज़ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन नौ वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है। दुनिया ने भारत को एक चमकीले सितारे के रूप में मान्यता दी है। चालू वर्ष के लिए हमारी वृद्धि 7.0 प्रतिशत अनुमानित है। यह महामारी और युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर वैश्विक मंदी के बावजूद सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में संगठित क्षेत्र का दायरा बढ़ा है।
रेलवे का कायापलट करने के लिए 2.4 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट इंफ्रा पर ₹75,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। 50 नए एयरपोर्ट और हेलीपैड बनाए जाएंगे और शहरी विकास पर सालाना ₹10,000 करोड़ खर्च किया जाएगा।

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