– 6 महीने माउंटेन में ट्रेनिंग
– 6 महीने माउंटेन में मेडिकल सर्विस
– गुलमर्ग की बर्फीली वादियों में सफ़ेद चादर से सजी हुई धरा पर
– माइनस 8 तापमान
– 10 फ़ीट बर्फ़ पर सिक्स सिग्मा टीम ले रही है कश्मीर में कड़ा प्रशिक्षण
– दुनिया की सबसे ऊंचीं बर्फीली चोटियों पर गुलमर्ग की बर्फ़ीली वादियों में विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य पर अडिग है सिक्स सिग्मा
आजकल सिक्स सिग्मा के माउंटेन वॉरीअर भारत की गौरवशाली परंपरा को निभाते हुए, कश्मीर के गुलमर्ग में माइनस 8 तापमान, 10 फ़ीट बर्फ़, जिंदगी बचाना सिख रहें हैं।
यह ट्रेनिंग भारत सरकार द्वारा – भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान गुलमर्ग में जारी है । इस संस्थान में स्कीइंग सीखने वालों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी ट्रेन किया जाता है।
कर्नल जे० स० ढीलों, भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान गुलमर्ग ने कहा की, जब कभी भी पहाड़ो पर तबाही का मंजर होता है, कुदरत काल बन कर कहर बरसा रही होती है, तब सिक्स सिग्मा के वीर हर मुश्किल में खुद को साबित करते रहते हैं। मौत के मुंह में जाकर लोगों की जान बचाने का साहस केवल एक सैनिक या सिक्स सिग्मा का वीर ही कर सकता है।
सिक्स सिग्मा की दिलेरी ने मौत को मात देकर, आज लाखों लोगों को जिंदगी की सौगात दी है। इसी जोश के साथ आज लगातार जारी है..बर्फ़ीली वादियों में सफ़ेद चादर से सजी हुई धरा पर सर्वाइवल व स्कीइंग ट्रेनिंग । अदम्य साहस, पराक्रम और देश सेवा के प्रतीक माने जानी वाली सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर अपनी आगामी हाई अल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस को अधिक बनाने पर ख़ास ध्यान दे रही है ।
हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में मेडिकल सेवा देने के लिए प्रसिद्ध सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस के वॉलंटियर्स के लिए नव वर्ष में हाई ऑल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने के मौका मिलने वाला है। इस ट्रेनिंग सत्र में सिक्स सिग्मा माउंटेन वॉरियर्स को कठिन परिस्तिथियों बैटल फील्ड व एवलांच रेस्क्यू में बेहद कठिन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हिमस्खलन में रेस्क्यू करने वाली टीम होती है बेहद खास, एक ट्रेनी पर खर्च होते हैं लाखों रुपये ! जहां जिंदा रहने के कम साधन होते हैं, परिस्थितियों में मुकाबला करने के लिए एक ट्रेनीज़ को विशेष ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। इसे सर्वाइवल ट्रेनिंग कहा जाता है। इस दौरान हड्डियां गला देने वाली ठंड में अपने बचाव का तरीका भी बताया जाता है।
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज की प्रशिक्षण दिलवाने का मुख्य उद्देश्य टीम में क्षमता का विकास कराना है। जिससे वे पर्वतीय क्षेत्रों की कठिन परिस्तिथियों और वातावरण में होने वाले परिवर्तन से अवगत होकर सुचारू रूप से मेडिकल सेवाओं को दे सकें। गुलमर्ग में यह ट्रेनिंग 15 दिनों तक चलेगी व उसके पश्चात सभी प्रशिक्षुओं को सर्टीफिकेट प्रदान किए जाएंगे।
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि इस ट्रेनिंग कोर्स में वॉलंटियर्स को सर्वाइवल. अवलांच ट्रेनिंग का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिसमें एक ट्रेनी को इग्लो (बर्फ से बना घर) में रहना पड़ता हैं। जहां उसका खाना-पीना सब बर्फ में ही बनता है और इसी में रहना पड़ता है। इसके अलावा प्रशिक्षु को बर्फ से ढकी ऊंची पर्वत चोटियों पर स्कीइंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, हिमस्खलन के दौरान लोगों को त्वरित सहायता पहंुचाने के लिए रेस्क्यू के विभिन्न आयामों के साथ साथ लोगों को बचाने और उनके लिए अस्थाई शेल्टर के निर्माण और उन्हें दी जाने वाली मेडिकल सहायता के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
यहाँ हिम्मत बताई नहीं, दिखाई जाती है और जो कुछ भी करो एक जूनुन के साथ करो वरना मत करो..!! सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के सीईओ ने बताया कि ट्रेनिंग में प्रशिक्षुओं को स्कीइंग, स्नो शूज, शॉवेल, व्हाइट स्पेशल ड्रेस, ऑक्सीजन सिलेंडर, एडीवी ( एवलांच विक्टिम डिटेक्टर), वॉकी टॉकी, एवलांच सर्वाइवल बॉल जैसे उपकरणों का उपयोग करना सिखाया जाएगा।
उक्त प्रशिक्षण एक प्रशिक्षु को माइनस 60 डिग्री तापमान और 35 फीट बर्फ में रहने के लिए सक्षम बना देती है। जो सिक्स सिग्मा की कार्यर्शली, किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी वातावरण में और कितनी भी ऊंचाई पर वाले कथन को सुदृढता प्रदान करेगी। बता दें कि इससे पहले भी भारतीय सेना के अर्द्ध सैनिक बल सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीटयूड मेडिकल सर्विस टीम को माउंटेन रेस्क्यू का प्रशिक्षण दे चुका है।
डॉ० आशीष शर्मा, सीन्यर अधिकारी – सिक्स सिग्मा ने बताया की, अगर ना संघर्ष न तकलीफ तो क्या मज़ा है जीने में, बड़े बड़े तूफ़ान थम जाते हैं जब आग लगी हो सीने में..!! सिक्स सिग्मा का तो काम ही है ख़तरों से खेलना ! ट्रेनिंग कोम्मोंडोर डॉ० भारत शर्मा ने कहा की, इजरायल की तर्ज पर भारत में “सिक्स सिग्मा के सिविलीयन डॉक्टरों को मिलिट्री- ट्रेनिंग देने की अनूठी पहल की थी !सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस देश की एकमात्र ऐसी सस्था है, जो सरकार और किसी भी व्यक्ति विशेष से कोई आर्थिक सहायता नहीं लेती है।
डॉ अनीता भारद्वाज, मेडिकल डायरेक्टर- सिक्स सिग्मा ने कहा की, संस्था द्वारा संचालित मेडिकल सर्विस अब तक विभिन्न पहाड़ी मेडिकल कैम्पों में 2 68,370 पीड़ितों का इलाज किया जा चुका है। संस्थान की हाई ऑल्टीट्यूड सर्विस टीम ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान सिक्किम के डोल्मा पास में 19,500 फीट की ऊंचाई पर चिकित्सा शिविर लगाया था, जिसमें संस्थान की टीम ने 750 से अधिक पीड़ितों को चिकित्सा सहायता दी थी।
इसके अलावा 2015 में नेपाल में आए भीषण विनाशकारी भूकंप में गोरखा जिले में सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस टीम ने सबसे पहले पहुंचकर आपदा से पीड़ित 1700 से अधिक लोगों की सहायता की थी। इसके अलावा 2014 में श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान 11,290 श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवा देकर उनको नवजीवन प्रदान किया था। सिक्स सिग्मा लगातार 2013 से केदारनाथ व अमरनाथ में मेडिकल सेवा प्रदान करता है और इस वर्ष हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस की सेवा भी आरम्भ करेगा।