अक्षय पात्र फाउंडेशन को मिला सातवीं बार ग्रेट प्लेस टू वर्क’ का प्रमाण पत्र

नई दिल्ली-

भारत के पीएम पोषण कार्यक्रम के क्रियान्यवन में भागीदार अक्षय पात्र फाउंडेशन को सातवीं बार ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ का प्रमाण पत्र मिला है। संगठन को इसके कर्मचारी हितैषी और कल्याणकारी नीतियों के कारण सातवीं बार यह प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। जीपीटीडब्ल्यू मूल्यांकन सर्वेक्षण ने इसे ट्रस्ट इंडेक्स में उत्कृष्टï पाया। इस मान्यता की सराहना करते हुए अक्षय पात्र फाउंडेशन के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मुकेश तिवारी ने कहा कि सातवीं बार ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ के रुप में मान्यता मिलना हमारे लिए गर्व की बात है। यह इस बात का प्रमाण है कि फाउंडेशन हमेशा अपने कर्मचारियों के सुख और दुख में साथ खड़ा रहा है। फाउंडेशन के दिल्ली,एनसीआर और उत्तराखण्ड के मानव संसाधन अधिकारी मीनाक्षी कौशिक ने कहा कि फाउंडेशन ने शुरूआत से ही पीपल फस्र्ट नीति को अपनाया और एक सकारात्मक कार्य क्षेत्र माहौल बनाया। इसमें हमारे कर्मचारियों ने भी हमारा भरपूर साथ दिया। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन आगे भी कर्मचारी फ्रेंडली माहौल के साथ कार्य करता रहेगा ताकि हम समाज में एक अच्छा संदेश दे सके।

वर्ष 2000 में हुई फाउंडेशन की शुरूआत, 66 किचन से 20 लाख से अधिक बच्चे हो रहे लाभान्वित

अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन का इतिहास एक करुण कथा के साथ आरम्भ होता है -कलकत्ता के समीप, मायापुर नाम के गाँव में एक दिन परम पूज्यनीय ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद ने खिडक़ी से बाहर देखते हुए बच्चों के एक समूह को फेंके हुए भोजन के लिए आवारा कुत्तों के साथ लड़ते देखा। इस छोटी सी किन्तु दिल तोड़ देने वाली घटना से एक निश्चय उत्पन्न हुआ कि हमारे केन्द्र के दस मील के दायरे के अन्दर कोई भी भूखा नहीं रहेगा। उनके इस प्रेरणादायक संकल्प से अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन को बनाने में मदद मिली जो वो आज है। जून 2000 में, अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन ने बंगलुरु, कर्नाटक में मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम शुरु किया।

बंगलुरु में पाँच सरकारी विद्यालयों में 1500 बच्चों को मध्याह्न-भोजन प्रदान करने के साथ इसकी छोटी सी पहल की शुरुआत हुई। आज भारत सरकार एवं कई राज्य सरकारों के साथ साझेदारी और साथ ही कई समाज-सेवी दाताओं की उदारता के साथ यह संगठन विश्व के सबसे बड़े मध्याह्न-भोजन कार्यक्रमों में से एक का संचालन करता है। अक्षयपात्र फाउंडेशन अब तक देश भर में 66 रसोइयां तैयार कर चुका है। सरकारी विद्यालयों के लगभग 22 लाख वंचित बच्चों को रोजाना ताजा पका, स्वास्थ्यकर भोजन वितरित करता है। इसके अलावा फाउंडेशन पूरे दिल्ली में सभी नाइट शेल्टर में भोजन उपलब्ध करा रहा है। कोरोना काल में फाउंडेशन ने बेहतर कार्य किया।

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