किशोरियों में यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने निकाली गयी प्रभात फेरी

  -साइकिल रैली का आयोजन कर किशोरियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की हुयी कोशिश

 -महिलाओं के स्वास्थ्य सुविधाओं के समान अधिकार पाने को लेकर चलायी गयी है मुहिम 

 पटना, 12 फरवरी: किशोरियों में यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर उन्हें जागरूक करने का काम किया जा रहा है. किशोरियों को उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए इसके दूरगामी प्रभाव के बारे में बताया जा रहा है. इस क्रम में सहयोगी संस्था के द्वारा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के मौके पर बिहटा तथा मनेर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. एक्टिविटी के माध्यम से किशोरियों को उनके स्वास्थ्य के बारे में बताया गया. उनके उत्साहवर्धन के लिए साइकिल रैली का आयोजन और प्रभात फेरी निकाली गयी. कार्यक्रम में करीब दो सौ लोगों ने भाग लिया. इस दौरान  मूसेपुर स्कूल के प्रधानाध्यापक आनंद प्रताप सिंह तथा सराय स्कूल की प्रधानाध्यापिका नीलम सिन्हा, अन्य शिक्षक, किशोरियां तथा महिलाएं मौजूद रही.  किशोरियों को प्रजनन स्वाथ्य पर जगरूक करना जरुरी: सहयोगी संस्था की निदेशिका  रजनी ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों तथा महिलाओं से उनके स्वास्थ्य अधिकारों तथा सुरक्षा पर किए संवाद स्थापित करना है. वहीं महिला तथा किशोरियों ने माहवारी तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति आवाज को बुलंद करना है. उन्होंने बताया कि महिला – किशोरियों के साथ रैली करने का मकसद समुदाय में सामान स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित कराना तथा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति आमजन में जागरूकता लाना है. ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन कर स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़ें मिथकों को दूर करना है.  संस्था महिलाओं के प्रति हिंसा को लेकर कर रही जागरूक: रजनी ने बताया कि सहयोगी संस्था सक्रिय रूप से महिलाओं के प्रति हो रहे हिंसा एवं इसके व्यक्तिगत एवं सामाजिक दुष्परिणामों के बारे में समुदाय एवं विभिन्न हितधारकों को जागरूक एवं संवेदनशील बनाने के लिए प्रयास कर रहा है. कहा कि किशोरियां एक गाँव से दूसरे गाँव या क्षेत्र में यदि साइकिल चलाकर जाती हैं तो उनमें आत्म-विश्वास बढ़ता है. वे अपने यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होती हैं और इससे समुदाय में एक सकारात्मक नजरियां को बनाने में सहायता मिलती है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति चुप्पी को तोड़ना आवश्यक है.

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