लखनऊ।
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने पर बहस हुई तो सपा के नेता इसमें शामिल नहीं होंगे। यह बयान अखिलेश यादव ने जारी किया है और कहा है कि धार्मिक मुद्दों से पार्टी दूर रहेगी। इन मुद्दों पर आगे से अब सिर्फ़ वे स्वयं ही बयान देंगे। उनके इस फ़ैसले के बारे में पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को बता दिया गया।
रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर हंगामा मचा है। पार्टी के कुछ नेता भी नाराज हैं और बीजेपी भी इस मुद्दे के जरिए समाजवादी पार्टी को हिंदू विरोधी साबित करना चाहती है।
यह सही भी की अखिलेश यादव हिंदू विरोधी हैं क्योंकि वह आज भी अपने नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ खड़े हैं रामचरितमानस पर घोर आपत्तिजनक बयान दिए थे।
अगले लोकसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव का एजेंडा दलितों और ग़ैर यादव पिछड़ों को जोड़ने का है। मुस्लिम समाज का बड़ा हिस्सा और यादव मतलब MY समीकरण तो पहले से उनके साथ है। लेकिन इस गणित से समाजवादी पार्टी अगले चुनाव में बीजेपी के विजय अभियान को नहीं रोक सकती है।