सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नवजात को मिल सकेगा उपचार

  • सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थापित किया जा रहे हैं एनबीएसयू
  • एसएन मेडिकल कॉलेज में हुआ तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

आगरा,

नवजात बच्चों को खतरे की स्थिति में जनपद रेफेर करने की बजाय अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ द्वारा उपचार मिल सकेगा। इसके लिए जनपद की पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर न्यू बॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू) बनाई जा रही हैं। इसको लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एनबीएसयू स्थापित किया जा रहे हैं। इन यूनिट पर बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा नवजात को उपचार मिल सकेगा।
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रोफेसर और प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल डॉ. नीरज ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में आगरा, फिरोजाबाद व मथुरा के डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों को नवजात में खतरे वाले लक्षणों को पहचानना, हायर सेंटर पर भेजना, मेडिकल कॉलेज में रेफर करने के बारे में बताया गया।

उन्होंने बताया कि बच्चें को दौरा पड़ने, छाती के नीचे गड्ढे पड़ने, हाथ पैर पीले होने, बार-बार उल्टी करने और शरीर ठंडा होने पर एनबीएसयू पर ही उपचार दिया जा सकेगा। जरुरत पड़ने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाएगा।
एसीएमओ आरसीएच डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 24 डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षत किया गया। अब 27 तारीख से दूसरे बैच को प्रशिक्षित किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूपीटीएसयू की जिला वरिष्ठ विशेषज्ञ सतवीर कौर ने सहयोग किया।

इस अवसर पर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रशांत गुप्ता, डिपार्टमेंट ऑफ सोशल एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू सहित आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद के प्रतिभागी भी उपस्थित रहे |

इन लक्षणों पर मिल सकेगा उपचार
• शरीर ठंडा पड़ना
• छाती के नीचे गड्ढे पड़ना
• हाथ पैर पीले होना (पीलिया )
• उल्टी करना

• शरीर ठंडा

जनपद आगरा में इन स्थानों पर स्थापित किया जा रहे हैं एनबीएसयू
• सीएचसी अछनेरा
• सीएचसी खेरागढ़
• सीएचसी बाह
• सीएचसी एत्मादपुर
• सीएचसी शमशाबाद

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