लखीसराय जिलेभर में 16 मार्च को मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

  • राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 20 मार्च को मनाया जाएगा मॉपअप दिवस
  • सभी विद्यालयों, आँगनबाड़ी केंद्रों पर 1 से 19 वर्ष के बच्चों को खिलाया जाएगा अल्बेंडाजोल का टेबलेट

लखीसराय-

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत जिला भर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 16 मार्च को मनाया जा रहा है। इससे बाद 20 मार्च को मॉप अप राउंड होगा। जिसमें जिले के सभी प्रखण्डों में 1 से 19 साल के बच्चों को कृमि मुक्ति को ले अल्बेंडाजोल की गोली खिलायी जाएगी। इस दौरान जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविका रजिस्टर्ड सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलानी है। इसके साथ ही सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में क्लास टीचर पहले खुद बच्चों के सामने अल्बेंडाजोल का टैबलेट खाकर बच्चों के सामने कृमि मुक्ति का विश्वास दिलाने के बाद बच्चों को टैबलेट खिलाएंगे।

जिला के सिविल सर्जन डॉ.बीपी सिन्हा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति एवं जिलाधिकारी से प्राप्त निर्देश के अनुसार जिला भर में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है । 16 मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस है। इस दिन 1 से 19 साल के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। साथ ही जो बच्चे इस अभियान के तहत दवा खाने से चूक जाएंगे, उन्हें फिर 20 मार्च को दवा का सेवन कराया जाएगा। जिसे हम मॉप-ऑप राउंड के रूप में मनायेंगें । उन्होंने बताया कि जिले के सभी प्रखण्डों में आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविका के सहयोग से बच्चों को अल्बेंडाजोल का टैबलेट खिलानी है । बताया कि 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों को यह गोली खिलायी जानी है। इसके तहत 1 से 2 साल के बच्चों को आधा और 2 से 19 साल के बच्चों को एक – एक टैबलेट खिलायी जानी है।

रास्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस क्या है :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का लक्ष्य 1 से 19 साल के सभी बच्चों को सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से अल्बेंडाजोल का टेबलेट खिलाकर कृमि मुक्त करना है। इससे उनमें, पोषण की स्थिति, के साथ शिक्षा ग्रहण करने की क्षमता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके । उन्होंने बताया कि कृमि को सामान्य बोलचाल में पेट का कीड़ा कहते हैं। बच्चों में आमतौर पर तीन तरह के कृमि पाए जाते हैं। व्हिप कृमि, राउंड कृमि और हुक कृमि , होता है , जिसका इलाज न किया जाए तो यह रोग कई जटिलताएं जैसे कुपोषण, आंतों में रुकावट, एलर्जी इत्यादि रोग पैदा कर रोगी की मौत का कारण भी बन सकता है। यह एक संक्रामक रोग है, जो खाद्य पदार्थों की साफ-सफाई न होने या दूषित जल से फैलता है। इस लिए राष्ट्रीय कृमि दिवस के साथ 20 मार्च को मॉप -ऑप राउंड को जब दवा दी जाएगी तो सभी बच्चे इसे जरूर खाएं ।

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