दिल्ली –
नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने आज “राष्ट्रनिर्माण के लिए लोक अभियान, 2019” को देश के समक्ष प्रस्तुत किया। अभियान को #iCan19 का नाम दिया गया है, जो इसके अंग्रेज़ी नाम का संक्षेप रूप भी है। देशवासियों को एक पत्र लिखकर योगेंद्र यादव ने नागरिकों, संगठनों, आंदोलनों और पार्टियों को #iCan19 से जुड़कर आगामी लोकसभा चुनावों में राजनीतिक हस्तक्षेप करने की अपील की है।उन्होंने कहा कि इस चुनाव में अलग-अलग पार्टियों की अपनी टीम होगी, लेकिन हम एक ‘टीम इंडिया’ बनाएंगे। इस अभियान से जुड़ने वाले व्यक्ति और संगठन:
● देश के असली मुद्दे चुन सकेंगे, चुनाव का एजेंडा तय कर सकेंगे हर समस्या का समाधान सुझा सकेंगे, बेहतर समाधान चुन सकेंगे
● देश भर में इन समस्याओं और समाधान का प्रचार कर सकेंगे ताकि उनपर चुनाव लड़ा जाय
● देश के असली मुद्दों का प्रतिनिधित्व कर सकने वाले कुछ उम्मीदवारों का चयन कर सकेंगे
● ऐसे कुछ चुनींदा उम्मीदवारों का प्रचार कर सकेंगे जो देश के सही एजेंडा के वाहक बन सकें
योगेंद्र यादव ने यह स्पष्ट किया कि इस अभियान से जुड़ने के लिए स्वराज इंडिया से कोई सम्बन्ध रखने की जरूरत नहीं है। इस अभियान के मुद्दे, समाधान और उम्मीदवार, कुछ भी स्वराज इंडिया द्वारा नहीं चुना जायेगा। देशवासियों के समक्ष #iCAN19 का प्रस्ताव रखते हुए योगेंद्र यादव ने अपने पत्र में कहा, “पिछले छह साल में मैं देश के कोने-कोने में घूमा हूँ, न जाने कितने नागरिकों से मिला हूँ। देश बदलने के प्रयास में धूप-छांह, ऊंच-नीच बहुत कुछ देखा है। भारत की इस खोज ने मुझे एक आस्था दी है: हमारे देश में अद्भुत ऊर्जा है। हर दिन मुझे कोई न कोई अनूठा हिंदुस्तानी मिलता है जो अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज के लिए कुछ करने को तत्पर है, देश और दुनिया को अपनी जाति-धर्म से आगे रखने को तैयार है। लेकिन आज यह ऊर्जा बेबस है, सच्चाई के रस्ते पर चल रहा हर व्यक्ति अपने आप को अकेला महसूस करता है। समाज सुधार के संगठन दुकान बन गए हैं, पार्टियां गिरोह बन गयी हैं, विचारधाराएं दिमाग़ी कैद बन गयी हैं।”
इस अभियान का ब्यौरा रखते हुए स्वराज इंडिया के उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम वी ने कहा कि iCAN19 एक मायने में किसी भारतीय नागरिक के लिए ‘नेशनल इलेक्शन ड्यूटी’ जैसा है जिसके ज़रिये आप किसी साफ़-सुथरे और अच्छे उम्मीदवार को चुनकर संसद भेजने में मदद कर सकते हैं, और इस तरह देश की राजनीति को नई दिशा देने में अपना योगदान कर सकते हैं। इस अभियान में शामिल होने वाले सभी वालंटियर को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। पुरुषोत्तम ने बताया, “उम्मीदवारों का चयन एक स्वतंत्र पैनल द्वारा किया जाएगा, जिसमें सामाजिक जीवन में सक्रिय कुछ जाने पहचाने तटस्थ तथा निष्पक्ष लोग शामिल होंगे। सभी चयनित उम्मीदवारों का प्रोफाइल iCAN19 के वॉलंटियर्स के साथ साझा किया जाएगा। चुनाव में उम्मीदवारों की आवश्यकता, तथा वॉलंटियर्स की प्राथमिकता के बीच संतुलन बनाते हुए वॉलंटियर्स को प्रत्याशी के साथ जोड़ा जाएगा।”
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने कहा कि किसानों की ऐतिहासिक एकजुटता के बाद देश अब युवा आंदोलन के लिए तैयार हो रहा है। देशभर में व्याप्त बेरोज़गारी और नौकरियों में भ्रष्टाचार को लेकर युवाओं में भारी आक्रोश पनप रहा है। आज 24 लाख से ज़्यादा नौकरियां खाली पड़ी हैं, रोज़गार के अवसरों में लगातार कमी की जा रही है और रिक्त पदों तक को भरने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। जो थोड़े बहुत नौकरियां आजकल निकलती भी हैं तो मेहनत या मेरिट के बजाए पैसे और पैरवी का शिकार हो जाती हैं। भर्ती परीक्षाओं का प्रश्नपत्र लीक होना तो आम बात हो गयी है। पिछले कुछ महीने में ही एसएससी, यूपीएसएसएससी, गुजरात कॉन्स्टेबल, यूपी पुलिस, बिहार पुलिस भर्ती से लेकर बिहार एसएससी जैसे न जाने कितने परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हो चुके हैं। हर भर्ती परीक्षा किसी न किसी तरह के भ्रष्टाचार का शिकार हैं। छात्रों की सजगता से जब कोई अपराधी पकड़ में भी आ जाए तो असल सरगनाओं और बड़ी मछलियों को कोई भी नहीं छूता और युवाओं के भविष्य से खेलने का असामाजिक धंधा लगातार फलफूल रहा है। अनुपम ने कहा, “अब देश का युवा अपने साथ हो रहे अत्याचार और अन्याय को और बर्दाश्त नहीं करेगा। आने वाले कुछ महीनों में युवा-हल्लाबोल के रूप में आप युवा एकजुटता की ताकत देखेंगे। #iCAN19 की मुहिम ऐसे सभी युवाओं को मंच देगा जो राजनीति में हस्तक्षेप के जरिए देश में सार्थक परिवर्तन लाना चाहते हैं।”
स्वराज इंडिया महासचिव अविक साहा ने कहा कि हाल ही में हुए किसान मुक्ति मार्च से अब यह पूर्णतः स्पष्ट हो गया कि देश का किसान अपनी एकता और एकजुटता के जरिए सरकार ही नहीं विपक्षी पार्टियों को भी दबाव में ला सकता है। पहली बार किसी लोकसभा चुनावों में किसान अपना एजेंडा सेट कर रहा है। इतना ही नहीं, किसान आंदोलन की एक बड़ी सफ़लता यह भी रही कि शहरी मध्यम वर्ग और ग्रामीण किसानों के बीच की खाई इस बार कम हुई और सब साथ आकर ऋणमुक्ति और फ़सल की पूरे क़ीमत की मांग कर रहे थे। भले ही सरकार ने आंकड़ों और मीडियाबाज़ी के जरिए किसानों की आंखों में धूल झोंकने की पूरी कोशिश की लेकिन देश का किसान अब इनके सारे खेल समझने लगा है, किसान-विरोधी सरकार को हराने के प्रण के साथ साथ किसान-हितैषी होने का दावा करने वाली विपक्षी पार्टियों को डराने भी लगा है। अविक साहा ने #iCAN19 को किसानों का चुनावी मंच बताते हुए कहा, “इस मुहिम का हिस्सा बनकर हमारे किसान बहन भाई किसी पार्टी की नहीं, देश की सेवा करेंगे, किसी नेता का नहीं, अपना भविष्य निर्माण करेंगे।”
स्वराज इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष अजीत झा ने कहा कि देश की राजनीति आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है, भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब और सामाजिक ताने बाने को तोड़ा जा रहा है, संस्थाओं को ध्वस्त किया जा रहा है और लोगों के असल मुद्दों को गौण किया जा रहा है। इसीलिए हमको और आपको अब आगे आना होगा ताकि असल मुद्दे और असल एजेंडे को राजनीति के केंद्र में लाया जा सके। #iCAN19 मुहिम का यही उद्देश्य है जिसके माध्यम से देश के हज़ारों नागरिक आने वाले चुनाव में एक सार्थक दखल देंगे। आगामी लोकसभा चुनावों को लोकतंत्र और समाज के लिए अहम बताते हुए अजीत झा ने कहा, “आज आवश्यक है कि हम पार्टी और व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर देशहित में सोचे और कार्य करें।”
आगामी लोकसभा चुनाव के सन्दर्भ में योगेंद्र यादव ने कहा: “किसान और नौजवान भारत के भविष्य की दिशा दिखा रहे हैं। दुर्भाग्यवश इनकी दिखाई दिशा पर चलने की बजाय इनकी आवाज़ को दबाने के लिए देश को हिन्दू-मुस्लिम आग में झोंकने की तैयारी चल रही है। 2019 के चुनाव का समीकरण सीधा है: या तो किसान और नौजवान, नहीं तो हिन्दू-मुसलमान। अगर यह चुनाव किसान और नौजवान के मुद्दों पर लड़ा जाता है तो जो भी सत्ता में आएगा, देश आगे बढ़ेगा। लेकिन अगर हिन्दू-मुसलमान को लड़ाकर चुनाव होता है तो जो भी जीते, भारत हारेगा।” इसलिए iCan19 ने नारा दिया है: “हिन्दू न मुसलमान, बस किसान-नौजवान” . उन्होंने यह विश्वास जाहिर किया कि आने वाले कुछ दिनों में कई संगठन और आंदोलन इस राष्ट्रव्यापी अभियान से जुड़ेंगे।