फिरोजाबाद महापौर आरक्षण की याचिका का सुप्रीम कोर्ट द्वारा निस्तारण

फिरोजाबाद महापौर आरक्षण को लेकर मा सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में उठाए कानून उल्लंघन के मुद्दों को अपने यहां खुला (जीवंत) रखते हुए याचिका का निस्तारण किया

सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद अभी तत्काल लाभ ना मिला हो किंतु फिरोजाबाद महापौर पद आरक्षण को लेकर भविष्य में दूरगामी परिणाम सामान्य वर्ग के पक्ष में आएंगे-सौली भईया

फिरोजाबाद महापौर पद आरक्षण को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सतेन्द्र जैन सौली द्वारा मा सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस मा डीवाई चंद्रचूड़ एवं जस्टिस मा पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सतेन्द्र जैन सौली की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आकाश काकडे ने मा सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि 15 वर्षों से सामान्य वर्ग के लिए सीट आरक्षित नहीं हुई है। दिसंबर में सामान्य सीट करके फिर से बदल दिया गया आखिर कब तक सामान्य वर्ग को अवसर नहीं दिया जाएगा। हमारे द्वारा की गई आपत्ति को इलेक्शन कमीशन ने हमारी बात को नहीं सुना। सरकार ने हमारी बात को नहीं सुना। माननीय हाईकोर्ट ने हमारी बात को नहीं सुना।
इस पर सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब इलेक्शन हो चुका है।

दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस माननीय डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अब इलेक्शन हो चुका है किंतु आपके द्वारा याचिका में कानून उल्लंघन के जो सवाल उठाए हैं वह सही है हम उन्हें अपने यहां खुला (जीवंत) रखते हैं उस पर बाद में विचार करेंगे यह कहते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सतेंद्र जैन सौली ने कहा की मा सर्वोच्च न्यायालय से भले ही अभी अपेक्षित परिणाम नहीं आए हो मा सुप्रीम कोर्ट ने मेरी याचिका का निस्तारण जरूर किया है परंतु मेरी याचिका में उठाए गए कानून उल्लंघन के मुद्दों को सही बताते हुए अपने यहां खुला रखा है जिससे इस पर आगे सुनवाई भी हो सकेगी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से फिरोजाबाद महापौर आरक्षण पद को लेकर भविष्य में दूरगामी परिणाम अच्छे और सामान्य वर्ग के पक्ष में आएंगे।
उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद की सम्मानित जनता विशेषकर सामान्य वर्ग के हुए अपमान और अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लखनऊ उसके बाद मा हाईकोर्ट इलाहाबाद मा सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली तक लड़ी गई है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो लगभग 15 वर्षों से सामान्य सीट का आरक्षण नहीं हुआ। दूसरी तरफ पिछड़ा वर्ग महिला को लगातार दो दो बार आरक्षण का लाभ दिया गया। फिरोजाबाद की सामान्य सीट होने के बाद फिर छीन ली गई। यदि सीट सामान्य व्यक्ति को सभी जाति के लोग चुनाव लड़ पाते लेकिन अपने निजी स्वार्थ के लिए यह सब किया गया। राजनीति को खुला व्यापार बनाने वालों को अब नगर की सम्मानित जनता पहचान चुकी है और वक्त आने पर इनको इनकी सही जगह पहुंचा देगी।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में उपलब्ध नियम कानूनों के तहत जो भी विकल्प थे उनका पूरी मेहनत और ईमानदारी से मैंने उपयोग किया है। संघर्ष करना मेरे हाथ में हैं सो किया गया। परिणाम मेरे हाथ में नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि मा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से भविष्य में फिरोजाबाद महापौर पद आरक्षण को लेकर दूरगामी परिणाम सामान्य वर्ग के पक्ष में और अच्छे आएंगे।

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