भारत का तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ आज दोपहर 2.35 बजे पर लॉन्च होगा। इसके साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज चांद पर उतरने की एक और कोशिश करने जा रहा है। इस मिशन के साथ ही पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं।
चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जायेगा। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चांद पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करना है, जो चंद्रयान-2 सही तरीके से नहीं कर पाया था। दुनिया में अभी तक सिर्फ 2 ही देश ऐसा कर पाए हैं, जिनमें अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं. 2019 में इज़रायल और भारत ने भी सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो सके थे।
चंद्रयान-3 का कुल बजट 615 करोड़ रुपये है, 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद यह करीब 50 दिनों के सफर के बाद चांद के दक्षिणी हिस्से में पहुंचेगा। चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य समझें तो इसरो के लिए असली चुनौती इसके रोवर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराना और वहां पर चलाने की है।
ISRO के मुताबिक, चंद्रयान-3 के तहत इस मॉड्यूल की वजह से चांद सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और चंद्र भूभाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है। इसे LVM3M4 रॉकेट के जरिए भेजा जाएगा, पहले इस रॉकेट को जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था। भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे ‘फैट बॉय’ भी कहते हैं।
14 जुलाई को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होगी और 20 से 25 अगस्त के बीच यह चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की स्थिति में होगा। जिसका पहला काम सॉफ्ट लैंडिंग और चांद की सतह पर चलना होगा।