डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव को लेकर क्लीनिकल मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण का आयोजन 

 – जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी  की अध्यक्षता में हुआ  एकदिवसीय प्रशिक्षण- जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों की ओर से चलाया जाएगा जागरूकता अभियान 

 लखीसराय।

 डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव को लेकर पूरे जिले में स्वास्थ्य विभाग  हर स्तर पर सतर्क होता नजर आ  रहा है । इस बीमारी को लेकर शुक्रवार को जिले के सभी  एमबीबीएस, आयुष एवं आरबीएसके के चिकित्सकों के साथ जिला सदर अस्पताल के मंत्रणा कक्षा में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें क्लीनिकल मैनेजमेंट के ऊपर बल दिया गया ।

इस दौरान डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के  लिए आवश्यक तैयारी पर बल दिया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती  ने की  । क्लीनिकल मैनेजमेंट का  प्रशिक्षण डॉ भावना एवं जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार के द्वारा दिया गया । इस मौके पर भीडीसीओ भगवान दास, गौतम प्रसाद  एवं भीबीडीएस दिलीप मालाकार  आदि मौजूद थे। 

संक्रमित एडीज मच्छर काटने से होता है डेंगू और चिकनगुनिया : जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार ने बताया, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर काटने से होता है। इसलिए, अगर आप दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें। साथ ही आसपास भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। इसके लिए अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी जागरूक करें। ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर लोग दूर रहें।

उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। दरअसल, डेंगू  व चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं। जिसके कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में भी काफी परेशानी होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है।

लक्षण दिखते ही तुरंत करायें इलाज, अस्पतालों में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध : डीभीबीडीसी भगवान दास ने बताया, लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत जाँच करानी चाहिए। जाँच रिपोर्ट के अनुसार इलाज करानी चाहिए। ताकि बड़ी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े और समय पर इलाज शुरू हो सके। इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।

वहीं, उन्होंने बताया, यह बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होता है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।  

डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण :- तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना – त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान – नाक, मसूढ़े से या उल्टी के साथ रक्तस्राव  होना।

काला पैखाना होना  – बचाव के उपाय : – दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें।- टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें।- जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

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