दुनिया में हर साल जहरीली हवा से 70 लाख मौतें होती हैं। वायु प्रदूषण से असमय मौत का शिकार होने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खुद इस बात की पुष्टि की है की वायु प्रदूषण से हर साल दुनिया भर में तकरीबन 70 लाख लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। बोस्टन स्कूल की एक रिसर्च में तो यहां तक दावा किया गया है कि प्रदूषण से दुनिया भर में मरने वाले लोगों में सर्वाधिक मौतें भारत में होती हैं।
दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा समेत NCR के अन्य इलाके भी गंभीर प्रदूषण से परेशान हैं। मंगलवार को भी राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों की एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में माप किया गया। दिल्ली के धौला कुआं में सर्वाधिक 303 एक्यूआई दर्ज किया गया जोकि खतरनाक है।
WHO के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स का मानक AQI 100 तक होनी चाहिए, लेकिन दिल्ली में ये 300 का आंकड़ा पार कर रही है तो खतरे का संकेत हैं। माना ये जा रहा है दिवाली से पहले जब ये हालात हैं तो आने वाले दिनों में पराली और पटाखों से हालात और खराब होंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक आसमान में धुंध और धुआं लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा है। इनसे लोग स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, तीव्र और पुरानी सांस संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों की वायु प्रदूषण के कारण अकाल मौत हो जाती है। खास तौर से भारत में इसकी स्तिथि सबसे अधिक खराब है। बोस्टन कॉलेज की ग्लोबल ऑब्जर्वेटरी ऑन पॉल्यूशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में अकेले भारत में ही वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या 16 लाख रही।