दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जमानत कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में अस्थायी रूप से 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल होने की पुष्टि हुई है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के कहा है कि इन मामलों की सुनवाई छह से आठ महीने में समाप्त हो जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि अगर मुकदमा ‘ढुलमुल तरीके’ से आगे बढ़ता है, तो सिसोदिया इन मामलों में तीन महीने में जमानत के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। कोर्ट ने कहा कि कुछ ऐसे पहलू हैं जिन्हें हमने संदिग्ध बताया है, लेकिन 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल के संबंध में एक पहलू अस्थायी रूप से स्थापित किया गया है। इसलिए हमने जमानत के लिए आवेदन खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में कहा है कि 338 करोड़ रुपए (प्रोसीड ऑफ क्राइम) का जिक्र किया है। ये फायदा 10 महीने के दौरान शराब के थोक विक्रेताओं ने कमाया। आदेश में लिखा है कि एक्साइज पॉलिसी में मनमुताबिक बदलाव इसीलिए किया गया कि थोक व्यापारी फायदा कमा सकें और बदलें घूस दे सकें। कोर्ट के मुताबिक, ये प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 7 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।