निराश्रित बच्चों व महिलाओं को संरक्षण और पुर्नवास ही मंडल की प्राथमिकता – मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी

  • यूनिसेफ के सहयोग से मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं पर मंडल स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन।
  • बेहतर कन्वर्जेन्स् हेतु मुख्य विकास अधिकारियों को दिये गये दायित्व।
  • मंडल स्तरीय विस्तृत कार्ययोजना की गई विकसित, प्रत्येक माह मंडलायुक्त करेंगें समीक्षा।
  • बच्चों तथा महिलाओं के विकास और सुरक्षा संबंधी मंडल के आंकड़े सुधरने चाहिये- मंडलायुक्त।
  • महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों का उनपर गहरा असर होता है।

आगरा।

मंडलायुक्त सभागार, आगरा, भारत सरकार द्वारा बच्चों और महिलाओं को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही 2 प्रमुख योजनायें मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति को प्रदेश के जनपदों में धरातल पर उतारने और प्रदेश के अंतिम छोर पर जीवनयापन करने वाले परिवारों की महिलाओं और बच्चों को इन योजनाओं से लाभान्वित करने के उद्देश्य से आज मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
विदित है कि भारत सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं-मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य-के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओ, तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाना है।

मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है। जिसके अर्न्तगत विभिन्न विभागों के कर्न्वेजन्स के माध्यम से मिशन के लक्ष्योें को प्राप्त किये जाने को महत्वता दी गई है। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त तत्वाधान में प्रत्येक मंडल में इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ऐसी कार्यशालायें आयोजित की जा रही हैं।
इन कार्यशालाओं को मुख्य उद्देश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस् को बढ़ावा देना है।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और घटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य के मुख्य घटकों के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।

मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी द्वारा कार्यशाला के दौरान कहा गया कि विभिन्न जनपदों में महिलाओं तथा बच्चों के संरक्षण, विकास और सशक्तिकरण से संबंधित संकेतकों में सुधार हमारी प्राथमिकता है। उन्होनें सभी मुख्य विकास अधिकारियों को संकेतकों में सुधार के लिये रोडमैप बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जोखिमपूर्ण परिस्थितियों वाली महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के प्रयास करेंगें तो बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और पुर्नवास स्वतः ही संरक्षित हो जायेगा। मंडल के जनपदों में बाल विवाह तथा जन्म के समय लिंगानुपात के संकेतक सुधरने चाहिये, प्रदेश और राष्ट्रीय आंकड़ो से पीछे होना चिंताजनक है। उन्होंनें कहा कि आगामी माह से प्रत्येक माह महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की मंडल स्तर पर भी समीक्षा की जायेगी।

मौके पर उपस्थित विशिष्ट अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक आगरा ज़ोन अनुपम कुलश्रेष्ठ द्वारा ज़ोन में उनके नेतृत्व में शुरू किये गये ऑपरेशन जागृति के संबंध में अवगत कराते हुये कहा गया कि ऑपरेशन जागृति उ0प्र0 के मिशन शक्ति अभियान को बल देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऑपरेशन के अंतर्गत हम 4 मुख्य थीम यथा महिलाओं के विरूद्ध हिंसा व साइबर हिंसा पर जागरूकता, बढ़ाते हुये झूठे प्रकरणों और युवाओं के प्रेम-संबंधों के प्रकरणों में परिवारों द्वारा दर्ज किये जा रहे प्रकरणों पर रोकथाम हेतु जन-जागरूकता करने के प्रयास हैं।

उन्होंनें आगे कहा कि ऑपरेशन मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के उद्देश्यों को पूरा करने में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों का उनपर गहरा असर होता है इसलिए हमें एकजुट होकर इनके विरुद्ध आवाज उठानी होगी और महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित करना होगा।

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