ना कोई मुद्दा और ना ही आपस में तालमेल, फिर कैसे जीतेंगे चुनावी खेल? विपक्ष सिर्फ एक ही बात बार-बार कहता है कि I.N.D.I. गठबंधन का मंत्र मोदी को हराना और लोकतंत्र को बचाना है, लेकिन यह भी सच है कि जब-जब पीएम मोदी पर विपक्ष ने सीधा हमला किया है, वह और भी ज्यादा ताकतवर होकर उभरे हैं।
चुनाव के लिए नंबर मायने रखते हैं और इसके लिए एक नरेटिव भी चाहिए। नरेटिव स्ट्रांग हो तो मजबूत से मजबूत सरकार भी गिर सकती है।
2014 के चुनाव की बात करें तो 1,76,000 करोड़ का 2G स्पेक्ट्रम घोटाला, 1,86,000 करोड़ का कोयला खदान आवंटन घोटाला, 70,000 करोड़ का कॉमनवेल्थ घोटाला, यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ करप्शन वाला एक नरेटिव तैयार था। अन्ना के आंदोलन ने इसे घर-घर पहुंचाया और फिर मोदी ने ‘अच्छे दिन’ आएंगे वाला नॉरेटिव दिया तो 2014 के चुनाव में कांग्रेस 206 सीटों से 44 सीटों पर सिमट गई और बीजेपी 166 से 282 सीटों तक पहुंच गई।
1989 के चुनाव की बात करें तो बोफोर्स का मुद्दा सिर्फ 64 करोड़ के घोटाले का था, लेकिन वीपी सिंह ने इस पर एक नरेटिव क्रिएट कर दिया। जिसका नारा दिया गया ‘गली-गली में शोर है राजीव गांधी चोर है’ और यह नारा उत्तर से दक्षिण तक पहुंचा। 1984 में राजीव गांधी की कांग्रेस के पास 414 सांसद थे, लेकिन जब 1989 के चुनाव हुए तो वीपी सिंह ने कांग्रेस को 197 सीटों पर समेट दिया। राजीव गाँधी हार गए और वीपी सिंह प्रधानमंत्री बन गए।
राहुल गांधी आइडिया तो बहुत लेकर आए। कभी राफेल, कभी अडानी, कभी चौकीदार चोर है, कभी सूट बूट की सरकार, कभी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान, लेकिन उनका एक भी आइडिया जनता के जहन तक उतर नहीं पाया। क्योंकि कहने भर से काम नहीं चलता है बल्कि कहने वाला व्यक्ति भी दमदार और साफ छवि वाला होना चाहिए। जबकि राहुल गाँधी तो खुद कई घोटालों में लिप्त हैं।
अब राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नारा दिया है, जिसको लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन पर हमला करते हुए कहा, ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा करने वालों ने भारत को तोड़ने में कोई कसर छोड़ी नहीं है, अब भारत को जोड़ने की यात्रा में तुम चले हो। धारा 370 भारत को कमजोर करता था, मोदी जी ने धारा 370 हटा दी और कांग्रेस ने उसका विरोध किया। जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाल्लाह इंशाल्लाह के नारे लगाए जाते हैं और दूसरे दिन इन नारे लगाने वाले लोगों के साथ राहुल गांधी खड़े हो जाते हैं। बोलते हैं कि मैं तुम्हारे साथ हूं, राहुल गांधी तुम कभी भारत को जोड़ नहीं सकते, तुम हमेशा तोड़ने में लगे रहे’।
अब अनेक कांग्रेस और अन्य अनेक राजनीतिक दल गठबंधन बनाकर मोदी को हराने की बात करते हैं लेकिन अभी तक उनमें आपस में भी कोई तालमेल नहीं बन पाया है। गठबंधन की बैठक होती तो हैं लेकिन उसमें सभी दलों की भगीदारी या सहमति नहीं होती, और कोई न कोई नाराज हो जाता है तो कोई बैठक में से बीच में ही उठकर चला जाता है।