भारत सरकार का सीमा सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला, 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर की जाएगी तारबंदी

नई दिल्ली।

भारत सरकार का सीमा सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला आया है जिसे अमल में लाने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर 1643 किलोमीटर लंबी तारबंदी जाएगी। इस फैसले का इंफाल घाटी स्थित मैतई संगठनों ने स्वागत किया है, जबकि नगा और कुकी ने इसको लेकर विरोध दर्ज कराया है।

मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार अभेद्य सीमाएं बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरी 1643 किलोमीटर की लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर फेंसिंग करने का फैसला किया है। बेहतर निगरानी सुविधा, सीमा पर एक गश्ती ट्रैक भी बनाया जाएगा। इस बाड़ेबंदी का उद्देश्य म्यांमार से हो रही घुसपैठ को रोकना है।

COCOMI के सहायक मीडिया समन्वयक एम धनंजय ने कहा कि अगर यह 30 साल पहले किया गया होता, तो हमें वह हिंसा नहीं देखने को मिलती, जो हम आज देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की तस्करी होती है, जिससे युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है।

इंफाल घाटी स्थित मैतेई समूहों की लागातर मांग रही है कि म्यांमार से सटी सीमा को बाड़ लगाकर बंद किया जाए। मैतेई समूहों का यह भी आरोप है कि बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा का फायदा उठाकर भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है।

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