मुसलमानों को गुमराह किया गया और डराया गया कि सीएए कानून से भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनने की कोशिश हो रही है, जबकि वास्तविकता कुछ और है

अजमेर, राजस्थान।

अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख और वंशानुगत सज्जादानशीन हजरत दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने सीएए पर अपनी राय रखते हुए कहा कि आज हम एक बात साफ करना चाहते हैं कि पिछले कुछ साल में मुसलमानों को गुमराह किया गया और डराया गया कि सीएए कानून से भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनने की कोशिश हो रही है, जबकि वास्तविकता कुछ और है।

कुछ राजनेता और कुछ मुस्लिम नेता नहीं चाहते कि मुसलमान खुशहाल हों और देश के विकास में सहयोग करें। बल्कि वे तो चाहते हैं कि मुसलमान अनपढ भी रहें जिससे उनकी अपनी राजनीतिक दुकान चलती रहे।

उन्होंने कहा, अधिनियम के प्रावधानों के विस्तृत विश्लेषण के बाद हमने पाया कि कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है और यह उन पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा, बल्कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में पीड़ित और सताए हुए अल्पसंख्यक प्रवासियों को लाभ पहुंचाएगा, जो भारतीय नागरिकता चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। भारत में मुसलमान जितना खुश है और मुसलमानों को जीतने अधिकार हैं, उतना अन्य देशों में नहीं हैं, इस बात को खुद मुसलमानों को समझना चाहिए और किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

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