- प्रबुद्ध नागरिकों ने की समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग
- समान नागरिक संहिता लागू होने से विभिन्न धर्मों के वैवाहिक रीति रिवाजों पर कोई असर नही पड़ेगा
मथुरा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संपर्क विभाग मथुरा महानगर के तत्वावधान में समान नागरिक संहिता विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक अरुण पांचजन्य ने बताया कि समान नागरिक संहिता के लागू होने से विभिन्न धर्मों के वैवाहिक रीति रिवाजों पर कोई असर नही पड़ेगा। यह कानून जनजातियों के रीति रिवाजों को प्रभावित नही करेगा।
गिर्राज महाराज लॉ कॉलेज मथुरा में आयोजित प्रबुद्ध नागरिकों की गोष्ठी में समान नागरिक संहिता के पक्ष में विचार व्यक्त करते हुए अरुण पांचजन्य ने कहा कि समान नागरिक कानून के पांच मुख्य तत्व विवाह, तलाक, गुजारा-भत्ता,उत्तराधिकार और दत्तकग्रहण से संबंधित है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक कानून हिन्दू-मुस्लिम के वाद-विवाद से संबंधित नही है। यह बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक जैसे शब्दों से भी परे कानून है। यह स्पष्ट कानून है। यह एक प्रगतिशील– प्रोगेसिव कानून है। इसका एकमात्र उद्देश्य महिलाओं बाल अधिकारों को सुनिश्चित करना है।
विभाग प्रचारक ने कहा कि यह कानून लोगों के अधिकार छीनने का नही, बल्कि लोगों को अधिकार देने से संबंधित है। यह कानून सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। यह कानून भारतीय संविधान के प्रावधान के अनुरूप है। कार्यक्रम अध्यक्ष एडवोकेट सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि देश में समान नागरिक संहिता कानून की आवश्यकता क्यों है ? स्पष्टता से समझाया।
इससे पूर्व गोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर विजय बंटा महानगर कार्यवाह, आर्येंद्र महानगर प्रचारक, डॉ० भोले सिंह, प्रदीप अग्रवाल, मुकेश शर्मा सह श्रेणी प्रमुख प्रबुद्ध नागरिक, पुलकित माधव, आशुतोष शुक्ला चैयरमैन गिर्राज महाराज ग्रुप, शिवकुमार, धर्मेंद्र, संजय शर्मा, बलवेंद्र, कौशलेश, राजेंद्र कैशोरिया, दीक्षा देवी सहित प्रोफेसर, एडवोकेट, पत्रकार, डॉक्टर आदि बुद्धिजीवी नागरिक भारी संख्या में उपस्थित रहे।
अतिथि परिचय जितेंद्र सिंह संपर्क प्रमुख ने एवं संचालन आशीष शर्मा ने किया।