सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की ओर से बिचपुरी कोठी को किसान भवन बनाने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ.मंजू भदौरिया को ज्ञापन

–किसान भवन आगरा के किसानों दीर्घकाल से अपेक्षित जरूरत
–निरीक्षण कर जिला पंचायत अध्यक्ष शासन को लिखेंगी

सिविल सोसायटी आफ आगरा ने कहा है कि किसान भवन आगरा के किसानों की जरूरत है और सिंचाई विभाग की बिचपुरी कोठी किसान भवन का स्वरूप देकर सहजता के साथ इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की ओर से प्रतिनिधि मंडल के द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ.मंजू भदौरिया को एक ज्ञापन देकर उपरोक्त पर विचार करने का आग्रह किया गया।

–स्थल निरीक्षण हो :
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की ओर जिला पंचायत अध्यक्ष से कहा अनुरोध किया गया कि वह स्वयं स्थल निरीक्षण कर जिला पंचायत की ओर से शासन को प्रस्ताव भिजवायें।बिचपुरी नहर कोठी जो कि टर्मिनल राजवाह के कमांड एरिये में स्थित है। नहरी सिंचाई पर आधारित खेती का प्रचलन रहने तक इस कोठी परिसर में किसानों,सिंचाई विभाग के अधिकारियों का आना जाना लगा रहता था किंतु शास्त्रीपुरम आवास योजना, आवास विकास परिषद की सिकंदरा योजना सहित दर्जनों गांव शहरी सीमा में आ गये हैं,।यही नहीं बिचपुरी विकासखंड के रहे बचे गांवो में बड़े पैमाने पर खेती की जमीन का आबादी क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है।

–वीरान पड़ी है नहर कोठी:

वर्तमान में किसान हितों से संबंधित यह कोठी वीरान पड़ी हुई है, सिंचाई विभाग की ओर से केवल प्रतीकात्मक रूप से केवल एक-दो कर्मचारियों की मौजूदगी ही यहां रह गयी है।
जहां एक ओर यह स्थान वीरान पड़ा हुआ है,वहीं दूसरी ओर सरकार में भीतर तक पैंठ रखने वाले इस पर कड़ी नजर लगाये हुए हैं। सोसायटी की दृष्टि में किसी को भी इस बहुउपयोगी परिसर को खुर्दबुर्द करने का अवसर दिये जाने से बेहतर होगा कि इस परिसर और उसमें बने भवनों का उपयोग किसान भवन के रूप में हो।

–सैकड़ों गांवों से सहज पहुंच:

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के जर्नरल सेक्रेटरी अनिल शर्मा का कहना है कि बिचपुरी रेलवे स्टेशन के ठीक सामने स्थित यह कोठी टर्मिनल राजवाह की डबल चैनल रोड के कारण शमशाबाद और फतेहाबाद विकास खंडों के गांवों से जुड़ी हुई है,वहीं दूसरी और लोहा मंडी -अछनेरा रोड के कारण अछनेरा और फतेहपुर सीकरी विकासखंड के गांवों से जुड़ी हुई है। किसान यहां अपने वाहन खडे कर सुविधाजनक तरीके से रात्रि बिता सकते हैं।कोठी की अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर बनाये जाने के लिये जिला पंचायत अपने स्तर से ही काफी काम करवा सकती है,शासन से भी धन मांग सकती है।इसी के साथ मंडी परिषद भी इसके लिये पर्याप्त धन उपलब्ध करवा सकती है।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने कहा है कि किसी भी कदम को उठाये जाने या संस्तुति करने से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्वयं स्थलय निरीक्षण करे।जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा है कि अगर बिचपुरी नहर कोठी की नहरी कमांड एरिया घट जाने से उपयोगिता सीमित रह गयी है और इस परिसर का वैकल्पित उपयोग होना तय प्राय हे तो यहां किसान भव बनाया जाना ही सर्वथा उपयुक्त रहेगा।वह मानती है कि किसानों को रात्रि में ठहरने के लिये एक स्थान होना ही चाहिये।

बडी संख्या मे शहर आते है किसान:

उल्लेखनीय है कि जनपद भर के गांवों से बडी संख्या में किसान आगरा महानगर आते हैं, उनके द्वारा रात्रि प्रवास भी शहर में ही अपने मित्र ,परिचित राजनेताओं और होटलों में किया जाता है।पिछले दशक तक तो शहरवासी अपने गांव के लोगों का खुले मन से स्वागत कर ठहराने को तैयार रहते थे। लेकिन हालात बदलने के साथ ही मकानों जगह की तंगी हो गयी है।मौजूदा स्थितियां न तो मेहमानों के लिये सुखकर है और नहीं मेजवानों के लिये ही। सराय और धर्मशालाओं के लगातार बंद होने से किसान भवन की जरूरत और प्रबल हो गयी है। आखिर कर किसान का भी तो है गांव से शहर आकर सम्मान जनक तरीके से रात्रि बिताने का।
उपरोक्त हालातों को दृष्टिगत किसान भवन का बनाया जाना आवश्यक हो गया है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का मानना है कि किसानों की इस छोटी से जरूरत को शीघ्रता के साथ पूरा किया जा सकता है,बशर्ते इस संबंध में खुले मन से विचार किया जाये।
हकीकत में किसान शहरों की माइक्रो इकोनॉमी का आधार हैं।अगर वह गांवों से पैसा लाकर खर्च करना छोड दे तो अधिकांश बाजारों में विपणन कार्यों पर प्रतिकूल असर पडेगा।

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिमंडल में शिरोमणि सिंह- अध्यक्ष, अनिल शर्मा -सेक्रेटरी और असलम सलीमी-मेंबर शामिल थे।

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