पोषण एवं पुनर्वास केंद्र (एनआरसी ) में नवजात शिशु को स्तनपान कराने के लिए बनाया गया है ब्रेस्ट फीडिंग एरिया

– जनवरी 2024 से 20 मई तक एनआरसी में भर्ती कराए गए हैं 63 अति कुपोषित बच्चे

– अति कुपोषित बच्चों को 21 दिनों के लिए एनआरसी में कराया जाता है भर्ती

मुंगेर।

शारीरिक रूप से अति कुपोषित बच्चों के पोषण और पुनर्वास के लिए सदर अस्पताल परिसर मुंगेर में बनाए हुए पोषण और पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में नवजात शिशु को स्तनपान करवाने वाली माताओं कि सुविधा के लिए अलग से ब्रेस्ट फीडिंग एरिया बनाया गया है। इस आशय कि जानकारी जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मो. फैजान आलम अशरफी ने दी।उन्होंने बताया कि एनआरसी में ब्रेस्ट फीडिंग एरिया के नहीं होने से कुपोषित बच्चों को नियमित स्तनपान कराने वाली माताओं को काफी परेशानी होती थी।

एनआरसी में जिला भर के विभिन्न प्रखंडों से आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आरबीएसके कि टीम के द्वारा अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करते हुए उनकी माता के साथ कम से कम 21 दिनों के लिए यहां भर्ती कराया जाता है। इस दौरान खाने- पीने के लिए पौष्टिक आहार, हरी साग- सब्जी और दूध दिया जाता है। इस दौरान अति कुपोषित बच्चों के बेहतर इलाज के लिए दवाई के साथ लगातार फॉलोअप किया जाता है।

उन्होंने बताया कि एनआरसी में रहने वाले अति कुपोषित बच्चों और उसके परिजनों कि सुविधा के लिए आरओ का पानी, कूलर, और कलर टीवी लगाया गया है ताकि बच्चों को डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से ज्ञानवर्धक शिक्षा भी दिया जा सके। इसके अलावा एनआरसी के दीवारों को भी शिक्षाप्रद चित्रों के माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा के विभिन्न मुद्दों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

जनवरी 2024 से 20 मई तक एनआरसी में भर्ती कराए गए हैं 63 अति कुपोषित बच्चे :
एनआरसी मुंगेर के नोडल अधिकारी और जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) सुजीत कुमार ने बताया कि जनवरी से 20 मई 2024 के दौरान आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आरबीएसके के टीम के सहयोग से कुल 63 अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी मुंगेर में भर्ती कराया गया है वहीं 21 दिनों तक बेहतर इलाज, सही देखभाल के बाद कुल 117 बच्चों को यहां से डिस्चार्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 में 4 बच्चों को भर्ती किया और बेहतर इलाज और सही देखभाल के बाद 16 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया। इसी तरह फरवरी महीना में कुल 20 अति कुपोषित बच्चों को भर्ती किया गया और 36 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया। मार्च के महीना में कुल 11 अति कुपोषित बच्चों को भर्ती किया गया और 40 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया।

अप्रैल के महीना में 13 अति कुपोषित बच्चों को भर्ती किया गया और 25 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया। मई के महीना में 20 मई तक कुल 15 अति कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया है। एनआरसी में अभी परहम जमालपुर कि 16 महीना कि साधना कुमारी, नारायणपुर बलहा कि आरोही कुमारी, खैरा, हवेली खड़गपुर कि 5 महीना कि बच्ची पल्लवी कुमारी और हसनपुर तारापुर कि 21 महीना कि छोटी कुमारी भर्ती है।

एनआरसी मुंगेर में भर्ती 5 महीने कि बच्ची पल्लवी कुमारी कि मां पिंकी कुमारी ने बताया कि यहां पर बच्ची के इलाज और खाना खाने- पीने अच्छी सुविधा मिल रही है। प्रतिदिन यहां पर नर्स के द्वारा बच्ची का वजन सहित कई अन्य प्रकार कि जांच कि जाती और उसके अनुसार ही सूई और दवाई भी दिया जाता है। इसके अलावा प्रतिदिन डॉक्टर आकर मेरी बच्ची कि जांच करते है।

एनआरसी कि इंचार्ज सुलेखा कुमारी ने बताया कि यहां पर प्रतिदिन कम से कम तीन बार कुपोषित बच्चों और उनकी माताओं को पोष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा बच्चों को दूध भी दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों के फॉलोअप और डिस्चार्ज करने के समय अनिवार्य रूप से बच्चे के साथ- साथ उसकी मां का भी लंबाई और वजन को मापा जाता है। उन्होंने बताया कि यहां पर 5 प्रकार का इनफ्यूजन, 4 प्रकार का इंजेक्शन, 20 प्रकार का सिरप, 5 प्रकार का टैबलेट्स और ओआरएस का सॉल्यूशन उपलब्ध है।

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