जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष सिद्घार्थ ने राजकीय बाल गृह का किया औचक निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा निर्देश, बच्चों का किया उत्साह वर्धन

फिरोजाबाद।

माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा-निर्देशों के तहत जनपद न्यायाधीश/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष हरवीर सिंह के मार्गदर्शन में वृहस्पतिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव पीयूष सिद्घार्थ ने सुहाग नगर स्थित राजकीय बाल गृह का औचक निरीक्षण कर अभिलेखों की जांच की और सभी बच्चों व स्टॉफ से रूबरू होते हुए उनको दिए जाने वाले भोजन, इन डोर व आउट डोर गेम्स, शिक्षा व्यवस्था, रहन सहन, दैनिक दिनचर्या आदि की जानकारी की और बच्चों द्वारा स्केच पैन से बनाए गए पोस्टर की सराहना करते हुए प्राधिकरण सचिव ने उनका उत्साह वर्धन किया।

निरीक्षण के दौरान उपस्थित प्रभारी अधीक्षक ने प्राधिकरण सचिव को बताया कि, 50 बालकों को रखने की क्षमता वाले राजकीय बाल गृह (बालक) में, वर्तमान में कुल 22 बालक आवासित हैं। जिनमें 4 विशिष्ट प्रतिभावान बच्चे आवासित हैं। इन्हें सुबह के नाश्ते में बेसन का पराठा, चाय, बेसन का लडडू, दोपहर के भोजन में भिण्डी की सब्जी, मसूर की दाल, रोटी, चावल व सलाद आदि दिया जाता है।

इसी क्रम में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद द्वारा उपस्थित समस्त कर्मचारियों को माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा बच्चों के समग्र विकास के सम्बन्ध में चलाये जा रहे अभियान के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि, राजकीय बाल गृह, फिरोजाबाद में आवासित बच्चों हेतु योग एवं ध्यान, खेल-कूल, थियेटर, पेन्टिग, बागवानी और संगीत, व्यवसायिक कार्यक्रम, विशेष दिवस उत्सव आदि कार्यक्रम प्रशिक्षकों द्वारा संचालित किये जाते हें। जिससे, राजकीय बाल गृह में आवासित बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके एवं बच्चों का सामाजिक स्तर पर भी उत्थान हो सके तथा बच्चों में संवेदना, सचेतना एवं सकारात्मक मानसिक परिवर्तन सम्भव हो सके। प्रभारी अधीक्षक द्वारा बताया गया कि पुर्नवास की प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु अथक प्रयास किये जा रहे हैं।

निरीक्षण के उपरांत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव पीयूष सिद्घार्थ ने प्रभारी अधीक्षक को पाकशाला में विशेष रूप से साफ-सफाई रखने व गुणवत्ता पूर्ण भोजन बनाने के साथ साथ बच्चों के रहने वाले कमरों, शौचालयों आदि की साफ-सफाई पर जोर देते हुए मच्छरों से बचाव के लिए नियमित रूप से छिडकाव, फोगिंग कराने और गर्मी से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित किया।

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