एनीमिया मुक्त भारत कवरेज रिपोर्ट के अनुसार जारी स्टेट रैंकिंग में मुंगेर जिला टॉप पर

—अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान जारी किया गया एचएमआईएस डाटा
– एचएमआईएस डाटा पर आधारित 20 मई को जारी स्टेट रैंकिंग में सीतामढ़ी दूसरे और गोपालगंज तीसरे पायदान पर
– एनीमिया के कारण प्रभावित होता है बच्चों और किशोर- किशोरियों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य

मुंगेर

अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी ) कवरेज रिपोर्ट के अनुसार जारी स्टेट रैंकिंग में मुंगेर जिला टॉप पर रहा है। इस आशय कि जानकारी मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि एचएमआईएस डाटा पर आधारित 20 मई को जारी स्टेट रैंकिंग में सीतामढ़ी दूसरे और गोपालगंज तीसरे पायदान पर है।

जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मो. फैजान आलम अशरफी ने बताया कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान जारी एचएमआईएस डाटा के अनुसार मुंगेर जिला में इस दौरान 06 से 59 माह तक के 8.3% बच्चों को आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) कि सिरप पिलाई गई।

इसी तरह 05 से 09 साल के 44.6% बच्चों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के सहयोग से आईएफए कि गुलाबी गोली खिलाई गई। इसके साथ ही स्कूल जाने वाले 6 से 12 वर्ष के 125.2% बच्चों को आईएफए कि गुलाबी गोली खिलाई गई। इसके अलावा स्कूल में उपलब्ध नहीं होने पर 15.1% लड़कियों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर आईएफए कि गोली खिलाई गई। इसके अतिरिक्त स्कूल में और स्कूल से बाहर कि सभी 94.3% लड़कियों को आईएफए कि गोली खिलाई गई।

जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) निखिल राज ने बताया कि एनीमिया एक गंभीर बीमारी है। जो बच्चों, किशोर-किशोरियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इससे किशोर-किशोरियों कि कार्यक्षमता प्रभावित होती है।

इसके साथ ही किशोरियों में खून कि कमी होने से सुरक्षित मातृत्व कि संभावना प्रभावित होती है। इससे बचाव के लिए शिक्षा विभाग और आईसीडीएस के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एनीमिया मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को चिहिृत किया गया है। इसमें 06 से 59 माह के बच्चे, 05 से 09 साल के बच्चे, 10 से 19 साल के किशोर- किशोरियों के अलावा प्रजनन आयु वर्ग कि महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और धात्री महिलाओं को शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि एनीमिया के खतरों से लोगों को बचाने के लिए सरकार के द्वारा निःशुल्क आयरन और फोलिक एसिड कि दवा उपलब्ध कराया जाता है। 06 से 59 माह के बच्चों को आशा कार्यकर्ता के सहयोग से आईएफए सिरप पिलाई जाती है। 05 से 09 वर्ष तक के बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा सप्ताह में एक बार आईएफए कि गोली खिलाई जाती है।

इसके अलावा 10 से 19 साल के किशोर- किशोरियों को प्रत्येक सप्ताह आईएफए कि एक नीली गोली और 20 से 24 साल कि प्रजनन आयु वर्ग कि महिलाओं को आशा कार्यकर्ता के सहयोग से आईएफए कि लाल गोली खिलाई जाती है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को गर्भ के चौथे महीने के बाद एवं धात्री महिलाओं को प्रसव के उपरांत प्रतिदिन खाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निःशुल्क आईएफए कि उपलब्ध कराया जाता है।

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