केंद्र में भाजपा सरकार बनते ही तेलंगाना में ईडी का एक्शन शुरू

’तेलंगाना में 8 जगहों पर ईडी की छापेमारी, 100 करोड़ का खनन घोटाला।

रितेश सिन्हा की स्पेशल रिपोर्ट।

हैदराबाद/नई दिल्ली-

बीआरएस की तत्कालिक सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की परत अब धीरे-धीरे खुलती जा रही है। केंद्र में बैठी एनडीए सरकार ईडी के माध्यम से लगातार तेलंगाना राज्य में कार्रवाई करा रही है। इसी के चलते बीआरएस के पूर्व विधायक के भाई के आठ ठिकानों पर ईडी ने 300 करोड़ अधिक के खनन घोटाले के चलते बड़ी कार्रवाई की गई। बीआरएस के पूर्व विधायक महिपाल के भाई मधुसूदन रेड्डी के यहां 300 करोड़ से अधिक के खनन घोटाले को लेकर हैदराबाद सहित 8 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई। यह तलाशी कथित अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार महिपाल रेड्डी राज्य विधानसभा में पटनचेरू सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनसे जुड़ी एक खदान कंपनी के परिसर सहित करीब सात-आठ परिसरों की तलाशी ली गई। गौरतलब है कि ईडी द्वारा तेलंगाना में खनन भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की जा रही है। बीआरएस सरकार में कई तरह के घोटाले हुए हैं जिसमें कैग द्वारा पर्यटन विभाग में कई तरह के क्लीयरेंस को लेकर कैग द्वारा गंभीर आपत्ति भी दर्ज कराई थी।
कुछ माह पूर्व भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ऑडिट ने पूर्व ग्रेटर हैदराबाद सहित पूरे तेलंगाना में पर्यटन परियोजनाओं में कई अनियमितताओं का खुलासा भी किया था। पर्यटन को विकसित करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के कार्यक्रम स्वदेश दर्शन योजना पर सीएजी की प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया था कि तेलंगाना पर्यटन विकास निगम ने काम की वास्तविक स्थिति के मुकाबले 21.6 करोड़ रुपये के गलत और बढ़े हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे और व्यय किया हुआ। सीएजी ने तेलंगाना राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा 97 करोड़ की स्वीकृत लागत के साथ कुतुब शाही हेरिटेज पार्क- पैगाह मकबरे- हयात बख्शी मस्जिद- रेमंड के मकबरे की विकास परियोजना के लिए हेरिटेज सर्किट पर एक विस्तृत ऑडिट किया था, जिसमें से 70 करोड़ जारी किए गए थे।
सूत्रों का कहना है कि पर्यटन विकास निगम में भी कई प्रकार के भ्रष्टाचार हुए हैं, उसकी भी जांच होनी चाहिए। आम चुनाव के समय कई भ्रष्टाचारी नेता बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके खिलाफ ईडी कब कार्रवाई करेगा, ये भी आने वाले समय में साफ हो जाएगा। राहुल गांधी की अगुवाई में भ्रष्टाचारमुक्त सरकार की बात करने वाली तेलंगाना कांग्रेस कब ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाती है, इस पर भी राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें रहेंगी। आम चुनाव के बाद विपक्ष और खासकर कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अनेक नेता लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दे उठा रहे हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही थी, मगर प्रदेश में पर्यटन विभाग के साथ-साथ कई विभागों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस सरकार की चुप्पी समझ से परे है। इसके पूर्व आईटी अधिकारी तेलंगाना के चेन्नूर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जी. विवेक के घरों और कार्यालयों पर भी छापा मार चुके हैं। उनके हैदराबाद और मंचेरियल स्थित परिसरों पर एक साथ तलाशी ली गई थी। विवेक भाजपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे और मंचेरियल जिले के चेन्नूर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं।
अन्य दलों से कांग्रेस में शामिल हुए ऐसे दागदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में ढीला रवैया अपनाना भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि कांग्रेस भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ी है। तेलंगाना कांग्रेस से जुड़े कई नेताओं का दबी जुबान में यहां तक कहना है कि बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष उप्पल श्रीनिवास गुप्ता पार्टी में आते ही पैसा पानी की तरह बहा रहे हैं। उनके द्वारा आए दिन कार्यक्रमों के बहाने लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि तेलंगाना पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष के पास भी विभाग में हुए भ्रष्टाचार का पैसा है जिसका उपयोग वे सूबे में अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर रहे हैं। सूत्रों का यहां तक कहना है कि तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारियों और राहुल गांधी की तस्वीर का इस्तेमाल भी भ्रष्टाचारी नेता धड़ल्ले से कर रहे हैं। देखना है कि ईडी के अगले निशाने पर कौन से नेता या अधिकारी हैं।

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