आध्यात्मिकता से अर्थव्यवस्था तक, योग विज्ञान में भारत में नए आयाम

(रिटायर्ड ,वरिष्ठ ,गृहणी ,युवा बच्चे बना सकते है घर बैठे समृद्ध कॅरियर )
योग: मानसिक  स्वास्थ्य का द्वार, मजबूत करियर का आधार -डॉ एन.पी.गाँधी
(रिटायर्ड ,वरिष्ठ ,गृहणी ,युवा बच्चे बना सकते है घर बैठे समृद्ध कॅरियर )
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योग विज्ञान भारत के लिए एक आर्थिक अवसर का क्षेत्र है। सरकार, शिक्षण संस्थानों, और योग पेशेवरों को मिलकर काम करने से भारत को योग विज्ञान का वैश्विक केंद्र बनाया जा सकता है।
  • योग को शिक्षा प्रणाली में शामिल करने से युवाओं में योग के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ेगी।
  • सरकार को योग से संबंधित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए नीतियां और योजनाएं बनानी चाहिए।
  • योग अनुसंधान को बढ़ावा देने से योग के स्वास्थ्य लाभों के बारे में वैज्ञानिक प्रमाणों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
योग विज्ञान का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, और यह रोजगार के नए अवसरों का निर्माण कर रहा है।योग प्रशिक्षकों ,एक्सपर्ट्स की भारत में नहीं विदेशो में काफी भारी  तादाद में मांग है। योग प्रोफेशनल प्रशिक्षण लेने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय ,देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार और उसके आलावा वर्तमान में लगभग अधिकतर विश्विधायालयो में योगिक साइंस में डिप्लोमा डिग्री सर्टिफिकेट ,पीएचडी आदि तक के कोर्स उपलब्ध है।  यह गौरवमयी अवसर है की आज भारत की योग पुरातन संस्कृति को पूरा विश्व फॉलो कर रहा है। 
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योग भारत को एक स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।वर्तमान युवाओ  का जीवन अनेक चुनौतियों से भरा हुआ है। कोटा शिक्षा नगरी के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अंतराष्ट्रीय  जनसंख्या विज्ञानं संस्थान आइआइपीएएस मुंबई विश्वविद्यालय के एलुमनाई, इंटरनेशनल सर्टिफाइड प्रशिक्षित  लाइफ कोच,एनएलपी प्रेक्टिशनर एवं युथ एक्टिविस्ट डॉ नयन प्रकाश गाँधी का मानना है की युवाओं के लिए योग का महत्व तनाव से मुक्ति पाने में अत्यंत लाभदायक है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओं पर पढ़ाई, करियर, रिश्तों आदि को लेकर काफी दबाव रहता है, जिससे उन्हें तनाव हो सकता है.योग न सिर्फ शारीरिक स्वस्थ्य के लिए लाभदायक है बल्कि मानसिक शांति पाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।योग भारत की प्राचीन विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।शोध बताते हैं कि योग कोर्टिसोल और एड्रेनलिन जैसे तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स को कम करने में मदद करता है। नियमित योगाभ्यास से इन हार्मोन्स का स्तर संतुलित रहता है, जिससे तनाव कम होता है।तनाव अक्सर नींद की समस्या पैदा कर देता है। योगासन और ध्यान से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे आप पूरे दिन तरोताजा और ऊर्जावान रहते हैं. विश्व योग दिवस के अवसर पर, आइए देखें कि भारत में युवाओं के लिए योग के क्षेत्र में क्या नए आयाम और करियर के अवसर हैं: योग शिक्षक बनना युवाओं के लिए एक लोकप्रिय करियर विकल्प है। योग शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध हैं जो आपको योग के विभिन्न पहलुओं, जैसे आसन, प्राणायाम, ध्यान आदि में शिक्षण प्रदान करते हैं। आप योग स्टूडियो, स्कूलों, कॉलेजों, या स्वतंत्र रूप से योग सिखा सकते हैं। योग थेरेपी एक उभरता हुआ क्षेत्र है जो योग का उपयोग विभिन्न शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए करता है। योग थेरेपिस्ट बनने के लिए आपको योग प्रशिक्षण के साथ-साथ योग थेरेपी में भी प्रमाणन प्राप्त करना होगा। आप अस्पतालों, पुनर्वास केंद्रों, या निजी प्रैक्टिस में योग थेरेपिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।यदि आप शोध में रुचि रखते हैं, तो आप योग अनुसंधान के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। योग अनुसंधान में योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रभावों का अध्ययन शामिल है। आप विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, या योग संगठनों में योग शोधकर्ता के रूप में काम कर सकते हैं।यदि आप लेखन और संचार में कुशल हैं, तो आप योग लेखक या ब्लॉगर बन सकते हैं। आप योग से संबंधित लेख, ब्लॉग पोस्ट, या पुस्तकें लिख सकते हैं। आप योग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इसके लाभों के बारे में शिक्षित करने में मदद कर सकते हैं। योग के बढ़ते हुए लोकप्रियता के साथ, योग उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है। आप योग मैट, योगा ब्लॉक, योगा कपड़े, या अन्य योग से संबंधित उत्पादों का निर्माण या बिक्री कर सकते हैं।योग युवाओं के लिए एक समृद्ध  करियर विकल्प प्रदान करता है। यह न सिर्फ आपको आर्थिक रूप से सक्षम बनाता है, बल्कि आपको दूसरों की मदद करने और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर भी देता है।योग भारत की एक अनमोल विरासत है। युवाओं को योग के क्षेत्र में नए आयामों और करियर के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और दुनिया को स्वस्थ और खुशहाल बनाने में योगदान देना चाहिए।योग प्रशिक्षकों ,एक्सपर्ट्स की भारत में नहीं विदेशो में काफी भारी  तादाद में मांग है। योग प्रोफेशनल प्रशिक्षण लेने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय ,देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार और उसके आलावा वर्तमान में लगभग अधिकतर विश्विधायालयो में योगिक साइंस में डिप्लोमा डिग्री सर्टिफिकेट ,पीएचडी आदि तक के कोर्स उपलब्ध है।  यह गौरवमयी अवसर है की आज भारत की योग पुरातन संस्कृति को पूरा विश्व फॉलो कर रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था और संस्कृति में योग का महत्व

योग, एक प्राचीन भारतीय अभ्यास, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है, का भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:

  • पर्यटन: योग पर्यटन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विकासशील क्षेत्र बन गया है। लाखों लोग हर साल योग सीखने और अनुभव करने के लिए भारत आते हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
  • स्वास्थ्य सेवा: योग को कई स्वास्थ्य स्थितियों को रोकने और प्रबंधित करने में मददगार माना जाता है, जिससे स्वास्थ्य देखभाल लागत कम हो सकती है और उत्पादकता बढ़ सकती है।
  • उत्पादन: योग से संबंधित उत्पादों, जैसे योगा मैट, कपड़े और सहायक उपकरण, का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नए व्यवसायों और उद्योगों का निर्माण हो रहा है।

निष्कर्ष:

योग भारत के लिए एक अनमोल संपत्ति है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में मदद करता है, बल्कि यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और संस्कृति को भी समृद्ध करता है। भारत सरकार योग को बढ़ावा देने और इसे देश और दुनिया भर में अधिक सुलभ बनाने के लिए कई पहल कर रही है।योग विज्ञान भारत की प्राचीन विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। योग पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा, और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में करियर की अपार संभावनाएं हैं।भारत योग पर्यटन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की क्षमता रखता है। ऋषिकेश, धर्मशाला और गोवा जैसे कई लोकप्रिय योग स्थल पहले से ही दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सरकार को योग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करने और योग शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए

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