पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार के 24 घंटे में चार बड़े फैसले, अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान

नई दिल्ली।

पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार के 24 घंटे में चार बड़े फैसले सामने आए हैं। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। इससे पहले इस मामले से जुड़े घटनाक्रम के तहत कई कदम उठाए गए, जिसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को हटाना और परीक्षा सुधारों के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन करना शामिल है।

शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि पांच मई को आयोजित NEET-UG में अनियमितताओं के कुछ मामले सामने आए हैं। परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए यह निर्णय लिया गया कि मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया जाए। अधिकारी ने कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि अनियमितताओं में संलिप्त पाए जाने वाले हर व्यक्ति या संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने एनटीए के महानिदेशक (डीजी) सुबोध सिंह को हटा दिया।

केंद्र सरकार ने एक कड़ा कानून भी लागू किया है जिसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक पर अंकुश लगाना है, जिसमें अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

 

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