अफ्रीकी देशों कांगो, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत दस देशों में मंकीपॉक्स का कहर जारी है जिससे विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता बढी हुई है। जैसे-जैसे वायरस अफ्रीकी देशों में फैल रहा है वैसे-वैसे भारत में भी लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं।
एमपॉक्स के मामलों में चिंताजनक वृद्धि को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन इमरजेंसी बैठक बुलाई। संगठन को डर है कि यह वायरस सभी अफ्रीकी देशों और दुनिया के अन्य देशों में भी फैल सकता है।
एमपोक्स मंकीपॉक्स वायरस की वजह से होता है। यह एक संक्रामक बिमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से होता है। मंकीपॉक्स का संबंध ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार से है, जो चेचक की तरह दिखाई देता है। इसमें वैरियोला वायरस भी शामिल है।
मंकीपॉक्स होने पर इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और सूजे हुए लिम्फ नोड्स होते हैं। इसके बाद एक दाना होता है जो आमतौर पर चेहरे से शुरू होता है और पूरे शरीर में फैलता है। दाने धब्बों से विकसित होकर फुंसियों में बदल जाते हैं, जो आखिर में पपड़ी बन जाते हैं। लक्षण आम तौर पर 2-4 सप्ताह तक रहते हैं।
मंकीपॉक्स से बचाव:
- संक्रमित जानवरों विशेषकर बीमार या मृत जानवरों के संपर्क में आने बचें।
- संक्रमित व्यक्ति के दूषित बिस्तर और अन्य सामग्रियों के संपर्क में आने से बचें।
- उन सभी खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से पकाएं, जिनमें जानवरों का मांस या भाग शामिल हों।
- अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
- ऐसे लोगों के संपर्क से बचना, जो वायरस से संक्रमित हैं।
- असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें।
- ऐसा मास्क पहनें जिससे आपका मुंह और नाक ढक जाए।
- बार-बार छुई जाने वाली सतहों को सैनिटाइज करें।
- वायरस से संक्रमित लोगों की देखभाल करते समय पीपीई का उपयोग करें।