कोई भी पार्टी जो आज तक नहीं कह पाई, वो प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी के संविधान में लिख दिया है। 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर नई पार्टी जन सुराज लॉन्च करेंगे। बिहार की राजधानी पटना स्थित वेटनरी कॉलेज में इसका आयोजन किया जाएगा। नई पार्टी के लॉन्चिंग की पूरी तैयारी भी हो गई है। सिंबल से लेकर संविधान तक फाइनल कर लिए गए हैं।
जन सुराज के संविधान में पहली बार 2 बड़ी व्यवस्था की गई है। पहली व्यवस्था चुनाव लड़ने की न्यूनतम अर्हता है और दूसरी व्यवस्था राइट टू रिकॉल की है। देश के इतिहास में इन दोनों व्यवस्था को किसी भी पार्टी ने लागू नहीं किया है।
2 अक्तूबर को पटना में जन सुराज के नाम का आधिकारिक ऐलान किया जाएगा। इसी मीटिंग में अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा होगी। जन सुराज में अध्यक्ष की पहली कुर्सी दलित समुदाय के राजनेता को मिलेगी। दूसरे साल में अध्यक्ष की कुर्सी अति पिछड़ा वर्ग और तीसरे साल में मुस्लिम समुदाय को सौंपी जाएगी। चौथे साल में पिछड़े समुदाय को अध्यक्ष की कुर्सी मिलेगी। पांचवें साल में सवर्ण समुदाय के राजनेता अध्यक्ष बनेंगे।
जन सुराज पार्टी सबसे पहले बिहार में विधानसभा उपचुनाव के जरिए चुनावी मैदान में उतरेगी। बिहार में 4 सीटें अभी रिक्त है, जिन पर इस साल के अंत में विधानसभा के उपचुनाव प्रस्तावित हैं। बिहार में जिन 4 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें कैमूर की रामगढ़, गया की ईमामगंज व बेलागंज और भोजपुर की तरारी सीट शामिल हैं।